हल्द्वानी: अप्रैल का महीना शुरू हो चुका है और देश भर में गर्मी दस्तक दे चुकी है. ऐसे में लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत होती है पीने के पानी की, मगर देवभूमि उत्तराखंड में जल संकट देखने को मिल रहा है. बताया जा रहा है हल्द्वानी शहर के कई क्षेत्रों में पानी वॉटर टैंकर के जरिए भेजा जा रहा है. इसके साथ ही कई इलाकों पानी की आपूर्ति में दिक्कतें देखने को मिल रही है. आने वाले समय में पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित कराने के लिए ट्यूबवेलों को पेयजल लाइनों से जोड़ने की कवायद की जा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, हल्द्वानी में पेयजल संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. इस साल मार्च के शुरुआती हफ्ते से ही गर्मी ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. हालांकि, बीच में हुई बारिश से तापमान में गिरावट देखने को मिली है लेकिन, पेयजल संकट जिस तरह से शुरू हो रहा है उससे आने वाले दिनों में बहुत ज्यादा राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं. पेयजल अधिकारियों के मुताबिक गौला नदी का डिस्चार्ज भी पिछले महीनों की अपेक्षा कम हुआ है लेकिन, अभी इतना कम नहीं है कि पेयजल आपूर्ति में किसी तरह की दिक्कत आ सके. 


दहेज में बीएमडब्ल्यू कार न मिलने पर दुल्हन को एयरपोर्ट पर छोड़कर भागा दूल्हा, मैट्रीमोनियल साइट पर तय हुई थी शादी


अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इस बार बारिश कम हुई है और बर्फबारी भी अपेक्षाकृत बहुत कम हुई है, लिहाजा यह चिंता का विषय है. आने वाले समय में पेयजल संकट गहरा सकता है. कुछ मदद सिंचाई के इस्तेमाल होने वाले ट्यूबवेल से भी ली जा रही है और जिससे ग्रामीण इलाकों में पानी की सप्लाई को पूरा किया जा रहा है. इसके साथ ही कुछ और ट्यूबवेलों को भी पेयजल लाइनों से जोड़ने की कोशिश की जा रही है जिससे कि 15 अप्रैल से पहले पानी की सप्लाई चालू हो जाए. आने वाले समय में यदि गौला नदी का डिस्चार्ज और कम होता है तो उस कमी को ट्यूबवेल के जरिए पूरा किया जाए. जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी शहर के अधिकतर इलाकों में अभी पेयजल टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई को पूरा किया जा रहा है.


Uttarakhand tourism 2023: पहाड़ों और प्रकृति की गोद में बिताना चाहते हैं छुट्टियां, तो उत्तराखंड के ये 6 पर्यटन स्थल रहेंगे बेस्ट