उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डामटा के पास 5 जून शाम 7 बजे हुई बस दुर्घटना को जिस किसी ने भी देखा या इसके बारे में सुना उसकी रूह कांप उठती है. जब घटना हुई तो शुरुआती दौर में स्थानीय लोगों और वर्तमान समय में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में ड्यूटी पर सहायक परिवहन अधिकारी जितेंद्र चंद पहुंचे. उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू कार्य किया.


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स्थानीय लोगों की मदद से किया रेस्क्यू 
 दुर्घटना के समय घटनास्थल पर कोई भी रेस्क्यू टीम या उपकरण मौजूद नहीं थे. जितेंद्र चंद सीधे जहां पर बस गिरी हुई थी वहां नीचे उतरे और स्थानीय लोगों की मदद से पेड़ों से बड़ी टहनियों को काटकर कंबल में लपेट कर स्वयं शवों को कंधों पर उठाकर लोगों की मदद से रेस्क्यू कार्य किया था.


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युवा अधिकारी ने दिखाया साहस 
स्थानीय लोग बताते हैं कि जब उन्होंने इस युवा अधिकारी को अपने कंधों पर कई बार घायल श्रद्धालुओं और शवों को ले जाते हुए देखा, तो उनके कपड़े खून से लहूलुहान हो रखे थे. वहीं, घटनास्थल पर दूसरे दिन परिवहन मंत्री चंदन राम दास पहुंचे तब स्थानीय लोगों ने कहा कि हम नहीं जानते हैं कि यह कौन हैं, लेकिन इन्होंने घटनास्थल पर शुरुआती दौर में जो रेस्क्यू कार्य कर साहस दिखाया वह काबिले तारीफ है. 


लोगों ने की अधिकारी के जज्बे की तारीफ
बाद में स्थानीय लोगों को भी पता चला कि वह देहरादून में सहायक परिवहन अधिकारी हैं, जो पूर्व में सेना में भी रह चुके हैं. आजकल जितेंद्र चंद की ड्यूटी यात्रा सीजन में 15 दिन के लिए मोती राष्ट्रीय राजमार्ग में लगी है. स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसे अधिकारियों को सरकार के द्वारा प्रोत्साहन मिलना चाहिए. 


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