Uttrakhand Weather: देहरादून और टिहरी जिले में एक बार फिर बारिश का कहर टूट सकता है. मौसम विभाग ने प्रदेश के पांच से अधिक जिलों में तेज और मूसलाधार बारिश का येलो अलर्ट जारी कर सभी सरकारी विभागों को एडवाइज़री भेज दी है. वहीं दोनों जिलों के संवेदनशील इलाकों में मौसम खराब होने के साथ भूस्खलन, चट्टान गिरने और पहाड़ों पर भारी बारिश की आशंका जताई गई है. खराब मौसम के चलते अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिए गए हैं. 


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उत्तराखंड के कई जिलों में दो से तीन पहले हुई मूसलाधार बारिश के बाद नदियों के उफान और भूस्खलन ने कहर बरपाया था. बारिश से आई आपदा से पूरे प्रदेश में सात लोगों की मौत हुई थी. जिसमें देहरादून में चार, टिहरी में दो और पौड़ी में एक की मौत हुई थी. इसके अलावा, प्रदेश भर में 13 लोग लापता बताए गए. इधर, पहाड़ों में नेशनल हाईवे ठप होने का सिलसिला जारी है. भूस्खलन से अबतक प्रदेश के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हैं. वहीं आपदा कंट्रोल रूम की ओर से जारी अलर्ट के अनुसार 24 अगस्त बुधवार को बागेश्वर, चमोली और पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश की आशंका जताई गई है.


टिहरी में बादल फटने के आसार  


टिहरी, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी में दर रात से बारिश शुरू जारी है. वहीं चमोली में भूस्खलन से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन जिलों में पहाड़ियों से बड़े-बड़े पेड़ टूटकर गिर रहे हैं. जिसके चलते बिजली के तार क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. आलम यह है कि प्रदेश भर में बारिश की तबाही से 263 सड़कें बंद हैं और ज़िले के करीब 250 गांव 24 घंटे से ज़्यादा बिजली से वंचित रहे. ऐसे में मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के कुछ इलाकों में लोगों और यात्रियों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है क्योंकि यहां बादल फटने के आसार हैं. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते के आखिर में दून और टिहरी में बादल फटने से जानमाल का खासा नुकसान हुआ था. 


प्रभावित इलाकों पर सीएम की नजर


सीएम पुष्कर सिंह धामी और कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का दौरा कर जायजा लिया. सीएम ने आपदा प्रबंधन विभाग को राहत और बचाव कार्य में कोई भी लापरवाही न होने के सख्त निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि आपदा की स्थिति में प्रभावितों के रहने के लिए चिह्नित भवन और स्थानों का सुरक्षा की दृष्टि से दोबारा परीक्षण करें. वहीं, पीडब्ल्यूडी सिंचाई विभाग और बिजली विभागों का सर्वे जारी है. प्रभावित इलाकों में पुल और नदियों के किनारों के क्षतिग्रस्त पुश्तों का सर्वे शुरू हो गया है. सरकार का कहना है कि जैसे जलस्तर कम होगा, मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया जाएगा.