कुलदीप नेगी/ देहरादून: अगर सब कुछ ठीक ठाक हिसाब से चला, तो आने वाले समय में श्रद्धालु केदारनाथ और यमुनोत्री धाम (Kedarnath And Yamunotri Dham) का सफर रोपवे के जरिए तय कर सकेंगे. जी हां राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र चारधाम के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार काफी काम कर रही है.


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रेल कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी के जरिए भी धामों को जोड़ा जा रहा
सीएम रावत का कहना है कि ऑल वेदर रोड से लेकर रेल कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी के जरिये भी धामों को जोड़ा जा रहा है ताकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन पावन धाम तक पहुंच सकें और उनके दर्शन कर सकें. इसी कड़ी में केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम को रोपवे से जोड़ने की कवायद चल रही है.


पैदल तय करनी पड़ती है श्रद्धालुओं को कुछ दूरी 
दरअसल अभी तक केदारनाथ और यमुनोत्री धाम तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कुछ दूरी पैदल तय करनी पड़ती है और यहां पर पैदल चढ़ाई पर चढ़कर वे धाम तक पहुंचते हैं. लिहाजा सरकार इस दिशा में भी कोशिश कर रही है. जहां एक तरफ केदारनाथ धाम का भी मास्टर प्लान के आधार पर पुनर्निर्माण किया जा रहा है, तो वहीं बद्रीनाथ धाम का भी मास्टर प्लान के आधार पर और विकास किया जाएगा ताकि वहां पर यात्री सुविधाएं और बेहतर हो सके और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन धामों तक पहुंचे.


इन दिनों की जाएगी धाम खुलने की घोषणा
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 16 फरवरी को वसंत पंचमी पर विधि विधान से नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में तय की जाएगी. इसी दिन गाडू घड़ा (तेलकलश यात्रा) का दिन भी निर्धारित किया जाएगा. केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख, 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में घोषित की जाएगी. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरानुसार अक्षया तृतीया के दिन खुलेंगे. बता दें कि तीर्थ पुरोहितों द्वारा नवसंवत्सर पर मुखबा में गंगोत्री धाम और यमुना जयंती पर खरसाली में यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय किया जाता है.


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