विजय आहूजा/उधम सिंह नगर : उत्‍तराखंड में करोड़ों रुपये की लागत से बन रहे रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज पर अब ग्रहण लग गया है. रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का हॉस्‍टल, प्रशासनिक भवन और आवासीय परिसर समेत 14 बिल्डिंग अस्तित्‍व में आने से पहले ही भ्रष्‍टाचार की भेंट चढ़ गए. अब 25 सितंबर को इन्‍हें गिरा दिया जाएगा. 


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सरकार के डूब गए करोड़ों रुपये 
दरअसल, रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल, प्रशासनिक भवन, आवासीय परिसर सहित 14 ब्लॉकों के निर्माण का ठेका एपीएल कंपनी को दिया गया था. सरकार ने इस निर्माण कार्य के लिए कंपनी को 50 करोड रुपये का बजट भी जारी कर दिया था. 


32  करोड़ रुपये खर्च होने के बाद गिराई जाएगी बिल्डिंग
कंपनी निर्माण कार्य पर लगभग 32 करोड रुपये खर्च भी कर चुकी है, लेकिन इस बीच निर्माण कार्यों में अनियमितताओ और गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े कर दिए गए. शिकायत मिलने पर उत्तराखंड सरकार ने यूपीआई एल कंपनी से निर्माण कार्य की जिम्मेदारी वापस ले ली और बाकी निर्माण कार्य की जिम्मेदारी उत्तराखंड पेयजल निगम को दे दी.


आईआईटी रुड़की ने की थी जांच 
पेयजल निगम ने जब पुराने निर्माण कार्यों की जांच आईआईटी रुड़की से कराई तो इन कार्यों की गुणवत्ता खराब पाई गई. इसके बाद शासन ने भी इन कार्यों की जांच कराई तो जांच में तमाम गड़बड़ियां सामने आ गईं. इसके बाद शासन ने इन पुराने निर्माण को गिराने के आदेश दे दिए. 


मलबा नीलाम होगा 
अब पेयजल निगम द्वारा 25 सितंबर को 14 ब्लाकों के अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को ढहाया जाएगा. इसके बाद जो मलबा निकलेगा उसकी नीलामी होगी. माना जा रहा है कि उसके बाद रुद्रपुर मेडिकल कालेज के निर्माण कार्यों में तेजी आएगी. बता दें कि पिछले साल 11 अक्‍टूबर 2022 को अस्‍पताल में ओपीडी भी चलने लगी थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज का प्रशासनिक भवन, हॉस्‍टल, अकादमिक भवन समेत 14 ब्‍लॉक के कार्य लंबे समय से ठप पड़ा हुआ है. 


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