प्रयागराज: महाकुंभ-2025 को लेकर तैयारियां जोरों पर है. फाफामऊ से अरैल के बीच लगभग 4800 हेक्टेयर में ताबूतों की नगरी बसाने की रूपरेखा को तैयार किया गया है. ताबूतों की इस लोक लुभावन नगरी को बसाने को लेकर काफी समय से चर्चा थी. पिछले कुंभ की तुलना में इस नगरी का क्षेत्रफल डेढ़ गुना ज्यादा है. बताया जा रहा है कि 16 अगस्त को शीर्ष समिति की बैठक होनी है जिसमें अस्थायी कार्यों का प्रस्ताव रखा जाना है. जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के द्वारा की जाएगी. Mahakumbh 2025


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महाकुंभ के अस्थायी कार्यों का खाका तैयार 
इस बार महाकुंभ की तैयारियों को लेकर ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि करीब करीब 40 करोड़ की संख्या में श्रद्धालुओं का आना हो सकता है जिस पर गौर करते हुए इस संबंध में तैयारियों को आगे बढ़ाया जा रहा है. लखनऊ में जो मुख्य सचिव की प्रस्तावित मीटिंग है उससे पहले महाकुंभ के अस्थायी कार्यों का एक खाका तैयार कर लिया गया है. पीडब्ल्यूडी के कुंभ मेला डिवीजन की तरफ से मेलाधिकारी के सामने अस्थायी कार्यों का प्रस्ताव पेश किया गया है. Mahakumbh 2025


549 करोड़ रुपये की लागत 
इस बार पांटून पुल, चकर्ड प्लेट वाली सड़कें व अस्थायी पुलिया को बनाने की तैयारी है जिसकी लागत 549 करोड़ रुपये है. पिछली बार कुंभनगरी को 3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल बसाया गया और इस बारे इसे बढ़ाकर 4800 हेक्टेयर कर दिया गया है. प्रयागराज में हर साल संगम की रेती पर माघ मेला लगता है तो वहीं हर 6 साल में अर्धकुंभ होता है, वहीं 12 वर्ष में महाकुंभ आता है. इसमें देश भर से श्रद्धालु संगम की डुबकी लगाते हैं, इतना ही नहीं विश्‍वभर पर्यटक महाकुंभ के लिए पहुंचते हैं. Mahakumbh 2025


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