गाजीपुर/आलोक त्रिपाठी: गाजीपुर के एक गांव में पति-पत्नी के रिश्ते पर शक की एक नई परत सामने आई है, जहां पत्नी ने अपने पति को कागजातों में मृत घोषित कराकर न केवल विधवा पेंशन लेना शुरू कर दिया, बल्कि कोर्ट से हर्जाना खर्चा भी प्राप्त किया. जब पति को इस धोखाधड़ी का पता चला, तो उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई और अब मामला न्यायालय में है.


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राम अवतार की दो पत्नियां...
घटना सेवराई तहसील के मनिया गांव की है, जहां राम अवतार नामक शख्स अपनी दो पत्नियों, तारा देवी और सुगंधा के साथ रहता है. राम अवतार पेशे से मिस्त्री है और ज्यादा समय बाहर काम करता है. 1985 में उसने तारा देवी से शादी की थी, लेकिन 23 साल तक संतान न होने के कारण दोनों ने 2008 में सुगंधा से दूसरा विवाह किया. दोनों पत्नियां एक ही घर में रहती हैं, लेकिन उनके बीच हमेशा विवाद होते रहे हैं.


पत्नी ने पति को 'मृत' दिखाकर उठाया फायदा
राम अवतार को हाल ही में पता चला कि उसकी पहली पत्नी तारा देवी ने सरकारी कागजात में उसे मृत घोषित कर दिया है और 2021 से हर माह 1000 रुपये की विधवा पेंशन ले रही है. इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब तारा देवी ने 2020 में कोर्ट से हर्जाना खर्चा के रूप में 2000 रुपये प्रति माह पाने के लिए आवेदन किया और उसे यह राशि मिल भी रही थी. राम अवतार ने बताया, "जब मुझे इस बारे में जानकारी हुई तो मैं हैरान रह गया. मेरी पत्नी ने मुझे मृत दिखाकर पेंशन ले रही है और कोर्ट के जरिए मुझसे हर्जाना भी ले रही है. यह पूरी स्थिति मेरी समझ से बाहर थी."


राम अवतार का आरोप
राम अवतार ने पहले गहमर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उसने इस मामले को पुलिस अधीक्षक के पास भेजा. 19 और 29 जुलाई 2024 को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से राम अवतार ने पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी. इसके बाद, गहमर थाने में धारा 419 और 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने तारा देवी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. इस मामले में राम अवतार ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी ने न केवल उसे मृत घोषित किया, बल्कि सरकारी धन का भी दुरुपयोग किया. कोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच के आदेश दिए.


पहली पत्नी का बयान और विरोध
तारा देवी ने इस मामले में अपनी सफाई पेश की है. उसने कहा, "मुझे नहीं पता था कि विधवा पेंशन कैसे मिल रही है. यह सब मेरे पति ने ही कराया है. हां, मैं तीन साल से पेंशन ले रही हूं, लेकिन कोर्ट से जो हर्जाना खर्चा का आदेश हुआ है, वह मुझे नहीं मिला." तारा देवी का कहना है कि वह पेंशन और हर्जाने के बारे में ज्यादा नहीं जानती, लेकिन ये सारी प्रक्रिया उसके पति द्वारा ही करवाई गई है.


सख्त कार्रवाई की जाएगी
इस मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार सोनी ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है. "राम अवतार ने हमें लिखित शिकायत दी थी, जिसे खंड विकास अधिकारी सेवराई को भेजा गया था. जांच में पाया गया कि तारा देवी विधवा पेंशन लेने के योग्य नहीं है. महिला को अब तक कुल 34 हजार रुपये मिल चुके हैं, और हम रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं. इस मामले में और जांच की जा रही है, और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."


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