Varanasi Gyanwapi news: यूपी के वाराणसी ने ज्ञानवापी मुद्दे पर मंदिर मस्जिद के विवाद को लेकर में ASI की सर्वे रिपोर्ट आई सामने, इस रिपोर्ट में ज्ञानवापी पारिसर को लेकर मंदिर होने का सबूत AASI को दौरान मिला. इसके बाद से ही AASI की रिपोर्ट चर्चाओं में बनी हुई है. हिंदु पक्ष का मानना है, कि उसका दावा है की इस विवाद में एएसआई की रिपोर्ट के सामने आने के बाद से काफी मजबूत हुआ है और वही मुस्लिम पक्ष का कहना है, कि इस रिपोर्ट को खारिज किया जाए. अब इसी के बीच देश के जाने माने इतिहासकार इरफान हबीब का इस पूरे मामले पर बड़ा बयान सामने आया है. ज्ञानवापी में मंदिर होने की बात इरफान हबीब ने भी मानी है, इरफान हबीब ने कहा है कि ज्ञानवापी विवाद में एएसआई के सर्वे की कोई जरूरत नहीं थी. ज्ञानवापी मंदिर पर इरफान हबीब ने कहा, ये बात एक तरह से सही है.


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जदुनाथ सरकार की किताब का करा जिक्र
प्रोफेसर इरफान हबीब ने इसके दौरान प्रख्यात इतिहासकार और मुगल सम्राट औरंगजेब पर लिखी किताब वाली जदुनाथ सरकार की लिखी किताबों का जिक्र किया.  इरफान हबीब ने कहा कि ज्ञानवापी मुद्दे के विवाद में एएसआई को सर्वे करने की कोई जरूरत नहीं थी. 


बाबरी मस्जिद का किया जिक्र
प्रोफेसर इरफान हबीब ने इस दौरान बाबरी मस्जिद का जिक्र करते हुए कहा, कि बाबरी मस्जिद के विवाद में मंदिर होने का कोई भी ऐतिहासिक सबूत नहीं था. मगर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था. कि बाबरी की जगह वहां कोई मंदिर था,ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिलता.


क्या मुल्क में ऐसे ही चलता रहेगा
इश दौरान प्रोफेसर इरफान हबीब ने यह कहा , कि ज्ञानवापी वाली बात एक तरह से सही भी है. लेकिन क्या देश में यह सब चलता रहेगा. अब क्या ही पता करेंगे कि कहा मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है या फिर कहा पर मस्जिद को तोड़कर मंदिर बनाए गए है. क्या के अंदर यह सब चलता ही रहेगा. इरफान हबीब ने आगे बोला कि मस्जिदों को तोड़कर मंदिर बनाने का यह सिलसिला कब तक चलेगा.