Dog Attack: जौनपुर खुटहन गांव में जानवर का खौफनाक मंजर सामने आया है.वेसे कुत्ते से तो लोग सावधान रहते है मगर आपका सामना पागल कुत्तों से हो जाये तो बचना मुश्किल होता है. ऐसे में  खुटहन गांव के दो पागल कुत्तो ने गांव निवासी एक व्यक्ति को बुरी तरह काट लिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानवर का आतंक
उत्तर प्रदेश के जौनपुर खुटहन गांव में दो पागल कुत्तो ने एक व्यक्ति को बुरी तरह से काट लिया है. आदमखोर कुत्तो से गांव में दहशत  का महौल बना हुआ है. खुटहन गांव निवासी अच्छे लाल विश्वकर्मा घर से बाजार की तरफ जा रहे थे. जिस पल दो पागल आदमखोर कुत्तो ने अच्छे लाल पर हमला कर दिया.और जिस्म के कई हिस्सों पर काट लिया.


जिस्म पे लगभग 12 जगह किया घायल


पीड़ित की चीख पुकार की आवाज़ सुन कर स्थानीय नागरिको ने कुत्तो को लाठी ले भगाया. लेकिन तब तक दोनों कुत्तो ने अच्छे लाल के जिस्म पे लगभग 12 जगह पर काट चुके थे. सूचना मिलते ही घायल व्यक्ति के परिजनों ने घायल को सीएचसी ले गए. जहाँ चिकित्सक ने गंभीर हालत देखते हुये जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.


पागल कुत्तों ने आँख और दांत में किया बाईट
जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ अमरदीप ने बताया कि अच्छे लाल विश्वकर्मा का प्राथमिक उपचार कर के वार्ड में भेजा गया. और कुत्तो द्वारा इनके फेस पर बाईट किया गया.जिससे आँख और दांत में भी चोटे आई है जिसके लिए नेत्र सर्जन और डेंटल डॉक्टर को बुला कर दिखाया जा रहा.


जंगली सूअर का आतंक एक मासूम बच्ची पर किया हमला घायल
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के सुजानगंज थाना के घाटमपुर में एक जंगली सूअर का दिनदहाडे हमले से गांव में दहशत का महौल बना हुआ है.


मासूम बच्ची पर जंगली सुअर का हमला 
11 वर्ष की अनुराधा पटेल घर से कुछ दूरी पर बाग में पत्ती बिनने गई.जहाँ गांव के और भी बच्चे खेल रहे थे.अचानक जंगली सूअर ने अनुराधा पटेल पर हमला कर घायल कर दिया. वही मौजूदा समय में  खेल रहे गांव के बच्चो ने विजय पटेल को सूचना दी. मौके पर पहुंच कर घायल पुत्री को सुजानगंज सीएचसी ले गए. जहाँ चिकित्सक ने हालत गंभीर देखते हुये जिला चिकित्सालय भेज दिया है. जहाँ इलाज चल रहा हैं.


जंगली सूअर के आतंक का गांव में भय
वही संगम लाल पटेल चाचा ने बताया लगभग 20 दिन पहले जंगली सूअर गांव में ही एक परिवार के लोग पर हमला कर उनके हाथ पर काट लिया था. अकसर जंगली सूअर के आतंक से गांव में भय का माहोल बना रहता है.