Mahashivratri 2024: वाराणसी से लेकर प्रयागराज तक शिव भक्ति में डूबे भक्त, लगा रहे आस्था की डुबकी, शिवालयों में उमड़ी भीड़
Mahashivratri 2024: संगम स्नान के साथ ही शिवालयों में भी श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. शिवालयों में शिवभक्त भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए पहुंच रहे हैं. महाशिवरात्रि एक बड़ा पर्व है और इस मौके पर शिवालयों में दिनभर रुद्राभिषेक और जलाभिषेक का दौर चलता रहेगा.
Mahashivratri 2024: आज महाशिवरात्रि का भव्य महापर्व है और इस अवसर पर पूरे प्रदेश के शिव मंदिरों में पुख्ता व्यवस्था किया गया है. वाराणसी से लेकर प्रयागराज और लखनऊ से लेकर प्रदेश के करीब करीब हर मंदिर में सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. लखनऊ के मन कामेश्वर मंदिर में भक्त पहुंचने लगे हैं. महाशिवरात्रि के महापर्व पर काशी में झांकी दर्शन भी किए जा सकेंगे. महाशिवरात्रि को देखते हुए पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था अलर्ट पर है.
प्रयागराज में उमड़ रहे हैं श्रद्धालु (Maha Shivratri 2024)
प्रयागराज की बात करें तो आज महाशिवरात्रि का महापर्व है और इसी के साथ आज माघ मेले का अंतिम स्नान पर्व भी है. महाशिवरात्रि पर्व महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में जुट रहे हैं और आस्था की डुबकी भी लगा रहे हैं. संगम स्नान के साथ ही शिवालयों में भी श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. शिवालयों में शिवभक्त भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए पहुंच रहे हैं. महाशिवरात्रि एक बड़ा पर्व है और इस मौके पर शिवालयों में दिनभर रुद्राभिषेक और जलाभिषेक का दौर चलता रहेगा.
वाराणसी में महाशिवरात्रि की धूम (Mahashivratr 2024i in Varanasi)
वहीं वाराणसी में आज महाशिवरात्रि के पर्व पर श्रद्धालु बाबा के दर्शन पाने के लिए उमड़े हैं और गंगा में आस्था की डुबकी भी लगा रहे हैं. महादेव की नगरी में शिव भक्तों का जमघट लगा हुआ है. आज काशी में शिवजी की भव्य बारात निकाली जाएगी और इस दौरान शिवजी के रंग में उनके भक्त रंग जाएंगे. पूरी काशी हर हर महादेव के जयकारे गूंज उठेगी.
राज्यपाल व सीएम ने दी प्रदेश के लोगों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व सीएम योगी आदित्यनाथ ने देश व प्रदेश के लोगों को महाशिवरात्रि के महापर्व की शुभकामनाएं दी हैं. सभी के मंगलमय व सुखमय जीवन की राज्यपाल ने कामना की है साथ ही कहा कि मैं देवाधिदेव महादेव से सभी के कल्याण और देश-प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हूं.
अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि- देवाधिदेव महादेव की आराधना को समर्पित पावन पर्व महाशिवरात्रि की प्रदेश वासियों एवं सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं!
भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा से सभी के मनोरथ पूर्ण हों, सृष्टि का कल्याण हो।
हर-हर महादेव!
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि- आशा है अगले वर्ष की महाशिवरात्रि तक इटावा के निर्माणाधीन ‘श्री केदारेश्वर महादेव मंदिर’ का अतिदिव्य स्वरूप पूर्ण रूप में साकार हो जाएगा और समस्त शिवभक्तों के लिए आस्था, आशीर्वाद और मनोकामना पूर्ति की नवीन त्रिवेणी बनेगा। महाशिवरात्रि की अनंत शुभकामनाएँ.
बरेली में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। प्राचीन मंदिर बाबा अलखनाथ मंदिर में रात बारह बजे से ही भक्तो के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. भोर होते होते भारी तादाद में शिव भक्तो की कतार मंदिर के बहार लग गई, हजारों शिव भक्त मंदिर के बाहर लाइनों में लगे थे. शिव भक्तो की बाबा अलख नाथ मंदिर में खास आस्था है भक्तो के मुताबिक शिव रात्रि के दिन अगर यहां कोई भगवन शंकर का यहां जलाभिषेक करता है उसकी हर मन की मुराद जरुर पूरी होती है. यहां शिवालय स्वयंभू वट वृक्षों के नीचे है, घंटो कतार में लगने के वावजूद भक्त बम भोले करते हुए अपनी बारी का इन्तेजार करते है और भगवन शंकर उनकी मुराद जरूर पूरी करते है.
सीएम योगी ने संगम स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत किया और एक्स के जरिए श्रद्धालुओं का किया अभिनंदन. सोशल साइट्स एक्स पर लिखा अर्पण, तर्पण और समर्पण के अद्भुत समन्वय माघ मेला का आज अंतिम स्नान है. त्रिवेणी प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे साधु संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन. भगवान भोलेनाथ और मां गंगा सभी का कल्याण करें, यही प्रार्थना है.
वहीं, जनपद मुजफ्फरनगर में भी महाशिवरात्रि का पर्व बड़े हर्षोलास के साथी मनाया जा रहा है. जहां नगर प्रसिद्ध शिव चौक पर श्रद्धालु लम्बी लम्बी कतारों में लगकर भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक कर रहे है. बाबा के भक्त शिवालयों में पहुंचकर हर हर महादेव के जयकारे लगाकर भोले बाबा का जलाभिषेक कर रहे है। आपको बता दे कि यह वही प्रसिद्ध शिव चौक है जहां सावन के महीने में कांवड़ यात्रा के दौरान लाखो शिव भक्त कांवड़िये गंगाजल लेकर यहाँ से गुजरकर अपने गंतव्यों पर पहुंचते है।फाल्गुन मास की चतुर्दर्शी में ब्रहम विवाह विधि से शिव पार्वती का पावन परिणय होने के कारण यह तिथि महाशिवरात्रि के नाम से लोकप्रसिद्ध हुई. भारतीय समाज व्यवस्था में शिव पार्वती महामिलन से ही दांपत्य सूत्र बंधन की परंपरा प्रारंभ हुई.