राजेश मिश्र/मिर्जापुर: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पदम श्री समेत विभिन्न पुरस्कार के लिए चयनित विशिष्ट लोगों की सूची जारी की गई है. इसमें उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की प्रख्यात कजली और लोक गायिका उर्मिला श्रीवास्तव को शामिल किया गया है. उन्हें यह सम्मान अपनी संस्कृति और लोक कला को संजोकर रखने के लिए दिया गया है. देश ही नहीं विदेशों में भी भारतीय लोक कला का जादू बिखेरने वाली कलाकार को सम्मानित किए जाने की घोषणा से अपनी संस्कृति के लिए समर्पित लोग गदगद हैं. उर्मिला श्रीवास्तव ने इसे विंध्य क्षेत्र का सम्मान और माता विंध्यवासिनी की कृपा बताया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विदेशों में भी लूटी वाहवाही
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी समेत विभिन्न मंचों पर कजली गायिका को सम्मानित किया जा चुका है. कजली के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त करने वाली उर्मिला ने देश के विभिन्न प्रांतों के साथ ही मारीशस, दुबई और भूटान में भी मंच साक्षा कर वाहवाही लूट चुकी हैं. नगर के आर्यकन्या इंटर कॉलेज में संगीत शिक्षिका के रुप में सेवा करते हुए 2012 में सेवा निवृत हुईं. गुरु श्रीमती अमिता दत्त एवं प्रो. कमला श्रीवास्तव से शिक्षा ग्रहण करने के बाद शिक्षण क्षेत्र में आ गई. 1968 में आकाशवाणी से नाता जुड़ा तो वह आगे बढ़ता रहा। आधा दर्जन के करीब कैसेट बने. विभिन्न चैनलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी निभा चुकी हैं. पदमश्री सम्मान के लिए चयनित किए जाने पर कजली गायिका ने प्रसन्नता जताई. कहा कि यह कजली प्रेमियों और जिले का सम्मान हैं. इस खुशी को बयां करने के लिए शब्द नहीं है. 


पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी कर चुके हैं सम्मानित
उर्मिला श्रीवास्तव को विंध्य महोत्सव 1999 में मुख्यमंत्री कल्याण सिंह सम्मानित कर चुके हैं. कजरी साम्राज्ञी से सम्मानित उर्मिला श्रीवास्तव ने कजरी गायन को एक नई ऊंचाई प्रदान की है. इन्हें मीरजापुरी कजरी, देवी गीत, दादरा, कहरवां, पूर्वी, चैती, होली, कजरी, झूमर, खेमटा, बन्नी, सोहर, लचारी, विदेसिया विधा में महारथ हासिल है.


मिल चुके हैं कई अवॉर्ड
मारीशस के उच्चायुक्त मुकेश्वर चुन्नी द्वारा 27 मार्च 2009 को महेंद्र मिसिर पुरवइया रत्न सम्मान, भिखारी ठाकुर सम्मान 2006, अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन दिल्ली 1993, कर्मयोगी पुरस्कार विश्व भोजपुरी सम्मेलन मारीशस ,2009 में कजरी साम्राज्ञी सम्मान से नवाजा गया. कजरी दंगल में सांस्कृतिक निदेशालय ने प्रथम पुरस्कार से राज्यपाल सूरजभान सम्मानित कर चुके हैं.


इनको भी किया गया सम्मानित 
बनारस घराने के शास्त्रीय गायक सुरेंद्र मोहन मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री के लिए चुना गया है. इसके अलावा  खोजवां-कश्मीरीगंज निवासी काष्ठ खिलौना शिल्पी गोदावरी सिंह को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा.