Mukhtar Ansari Death News: पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है. हार्ट अटैक के बाद मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, लेकिन उसकी मौत हो गई. जेल में तबियत बिगड़ने के बाद मुख्तार को हास्पिटल लेकर आया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. बताया जाता है कि मुख्तार अंसारी जेल में कमजोरी के कारण गिर गया था और उसे आनन-फानन में अस्पताल लाया गया था.इसके साथ ही एक और माफिया का अंत हो गया है. मुख्तार की भले ही स्वाभाविक मृत्यु हुई हो, लेकिन उसका केस भी अतीक अहमद जैसा लगता है. मुख्तार अंसारी ने 8 दिन पहले ही आशंका जताई थी कि उसकी मौत हो सकती है. उसे डर लग रहा है. उसे खाने में कुछ जहरीला पदार्थ दिया गया है. इसी तरह अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के मर्डर के पहले इसी तरह मौत की आशंका जताई थी.


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इसी तरह अतीक अहमद और उसके अशरफ को जब उमेश पाल हत्याकांड में जब गुजरात की साबरमती जेल से यूपी लाया गया था तो उसने रास्ते में पहले एनकाउंटर की आशंका जताई थी. इसके बाद पुलिस अभिरक्षा में सुनवाई के लिए ले जाते वक्त भी उसने ऐसा ही डर जताया था. उसके बाद प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते वक्त तीन युवकों ने दोनों को कनपटी पर गोली मारकर ढेर कर दिया था. तब सुप्रीम कोर्ट में इस कांड को लेकर मामला पहुंचा था. 


मुख्तार अंसारी को तीन दिन पहले जब बांदा कोर्ट में पेश किया गया था तो उसने जज साहब से गुहार लगाई थी. उसने कहा था, ऐसा लग रहा है कि मेरी मौत हो जाएगी. उसने और भाई अफजाल अंसारी ने भी खाने में जहर दिए जाने की आशंका जताई थी. इन्हीं सब आरोपों के बीच यूपी प्रशासन ने दो डिप्टी जेलरों समेत तीन अफसरों को सस्पेंड कर दिया था. हालांकि शायद माफिया डॉन को अपनी मौत का अहसास हो गया था और चार दिन बाद ही उसने दम तोड़ दिया. 


मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद केस 


1. मुख्तार अंसारी अंसारी यूपी लाए जाने से पहले पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था. पंजाब सरकार ने एक मामूली केस में उसे वहां रखा था. मुख्तार अंसारी व्हीलचेयर पर होने का बहाना बनाकर यूपी नहीं आना चाहता था. तत्कालीन पंजाब सरकार यूपी सरकार की उसे वापस ले जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक गई. अतीक अहमद साबरमती जेल में बंद था और उसे उमेश पाल हत्याकांड के बाद यूपी लाया गया.


2. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसका शव परिवार को नहीं सौंपा जाएगा. कड़ी सुरक्षा के बीच परिवार की मौजूदगी में उसे दफनाया जाएगा. उपद्रव और हालात बिगड़ने की आशंका में प्रयागराज पुलिस ने अतीक अहमद के केस में भी पुलिस ने ऐसा ही किया था.


3. मुख्तार अंसारी पर हत्या किडनैप के 65 से ज्यादा मुकदमे थे और वो जेल से भी आपराधिक गतिविधियों को लंबे समय तक अंजाम देता रहा. अतीक अहमद-अशरफ के खिलाफ 55 मामले दर्ज थे. इसमें विधायक राजू पाल हत्याकांड काफी चर्चित रहा.


उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक के बुरे दिन आए
जब प्रयागराज में फरवरी 2023 में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल का कोर्ट से घर लौटते वक्त जब ताबड़तोड़ गोलियां मारकर मर्डर कर दिया गया था. उसके अगले दिन विधानसभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था- माफिया मिट्टी में मिला देने का बयान दिया था, जो काफी चर्चित रहा था. 


कई गैंगस्टरों का अंत
हाल ही में अनिल दुजाना जैसे कई गैंगस्टरों का एनकाउंटर हुआ है. जबकि गैंगस्टर विजय मिश्रा की भी करोड़ों की संपत्ति कुर्क हो चुकी है. वो भी सलाखों के पीछे है. मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की भी सात जून 2023 को लखनऊ कोर्ट परिसर में गोलियों से भून दिया गया था. जीवा को छह गोलियां मारी गई थीं. कानपुर देहात में बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे को कौन भूलेगा. उज्जैन महाकाल से कानपुर लाए जाते वक्त उसने जब भागने की कोशिश की तो उसे मार गिराया गया था. जुलाई 2020 के बिकरू कांड में आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.  


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