पीएम सिटी में दौड़ी रोपवे तो जमीन से निहारते रहे लोग, कैंट से गोदौलिया तक हवाई सफर मजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जल्द ही रोपवे का मजा ले सकेंगे. काशी में देश के पहले अर्बन रोपवे ट्रांसपोर्ट का ट्रायल रन शुरू हो गया है. ट्रायल रन के पहले दिन आसमान में तारों पर चलते रोपवे ट्राली (गंडोला) को देखने के लिए सड़कों पर भीड़ जुट गई.
ट्रायल रन शुरू
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पहले दिन कैंट रेलवे स्टेशन से काशी विद्यापीठ होते हुए रथयात्रा स्टेशन के तक डमी ट्राली का ट्रायल रन कराया गया.
कब तक होगा ट्रायल
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वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि फिलहाल डमी गंडोला (रोप वे ट्राली) के साथ इसका ट्रायल रन शुरू हुआ है जो कई महीनों तक चलेगा.
टेस्टिंग का काम
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पहले डमी गंडोला को धीमी रफ्तार से चलाया जाएगा फिर उसके बाद उसकी संख्या बढ़ाई जाएगी. करीब डेढ़ महीने बाद फिर इसकी लोड टेस्टिंग होगी और उसके बाद भी कई स्तर पर इसकी टेस्टिंग का काम चलेगा.
कहां तक चलेगी
बता दें कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक रोपवे (केबल कार) चलाने की तैयारी है. अब इस पर काम शुरू कर दिया गया है.
संचालन कब से
ट्रायल रन शुरू होने के बाद माना जा रहा है कि मई या जून अंत तक रोपवे के तीनों स्टेशनों को तैयार करके इस पर संचालन की तैयारी है.
कितना खर्च आएगा?
बता दें कि 807 करोड़ की लागत से वाराणसी में रोपवे तैयार किया जा रहा है. हर 90 सेकेंड पर रोप वे ट्रॉली मिलेगी. एक साथ 150 ट्रॉली आसमान में 50 फीट की ऊंचाई पर चलेगी.
कौन बना रहा?
स्विट्जरलैंड आधारित कम्पनी बर्थोलेट इसके निर्माण का काम कर रही है. शहर में टावर लगाने का काम जारी है.
6 हजार लोग सफर करेंगे
इस रोपवे ट्रांसपोर्ट से हर घंटे 6 हजार लोग सफर कर सकेंगे. एक दिन में 90 हजार लोग इससे सफर कर पाएंगे.
16 मिनट में पहुंचेंगे
पहले चरण में 3.8 किलोमीटर परिधि में रोपवे शुरू किया जाएगा. चार किमी. का सफर 16 मिनट में पूरा हो सकेगा.
चार रोपवे स्टेशन बनेंगे
कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल चार रोपवे स्टेशन बनाए जाएंगे. इसे फाइनल टच दिया जा रहा है.
रस्सी पुलिंग का काम
लगभग 15 टावरों के इंस्टॉल होने के बाद ढाई किलोमीटर की रस्सी पुलिंग का काम किया जा रहा है.
डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.