Sonbhadra: यूपी में बिजली संकट का खतरा, मिर्जापुर-सोनभद्र समेत पूर्वांचल के इलाके में छा सकता है अंधेरा
उत्तर प्रदेश में बिजली उत्पादन में बड़ी भूमिका निभाने वाले रिहंद बांध और ओबरा बांध में पानी ओवरफ्लोहो गया है. भारी बारिश के बीच यहां बिजली उत्पादन भी ठप होने का खतरा है. इससे मिर्जापुर-सोनभद्र समेत पूर्वांचल के कई जिलों में बिजली संकट का खतरा मंडरा रहा है.
Sonbhadra: उत्तर प्रदेश में बिजली उत्पादन में बड़ी भूमिका निभाने वाले रिहंद बांध और ओबरा बांध में पानी ओवरफ्लोहो गया है. भारी बारिश के बीच यहां बिजली उत्पादन भी ठप होने का खतरा है. इससे मिर्जापुर-सोनभद्र समेत पूर्वांचल के कई जिलों में बिजली संकट का खतरा मंडरा रहा है.
उत्तर प्रदेश में बिजली गहरा संकट बन सकता है. तकनीकी खराबी के चलते ओबरा प्लांट सोनभद्र की 4 यूनिट बंद है.ओबरा प्लांट में सबसे पहले 200 मेगावाट क्षमता की 12वीं इकाई बीते रविवार की सुबह 7. 15 बजे आई तकनीकी खराबी के कारण ट्रिप हो गई. अभियंता जब इसकी मरम्मत करने में जुटे हुए थे. 10 बजकर 51 मिनट पर नौवीं इकाई बंद हो गई. यूपी में बिजली उत्पादन पर गहरा असर पड़ रहा है.
खतरे के निशान पर पहुंचा बांध
लगातर हो रही बरसात से जिले के सभी बाँध भर गए है. हजारो मेगावाट बिजली उत्पादन मे महत्वपूर्ण भुमिका वाली रिहंद बांध और ओबरा बांध ओवरफ्लो हो गया है. रिहंद बांध की ऊंचाई 872 है जो पान के खतरे के निशान 870 तक पहुंच गया है. पानी ज्यादा हो जाने से रिहंद बांध का 6 नबंर फाटक और ओबरा बांध का 6 और 7 नम्बर फाटक खोला गया है. रिहंद बांध गोविंद बल्लभ पन्त सागर, रेनु नदी पर बना है. रिहंद बांध उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश की सीमा के आस पास बना है. ओबरा बांध रिजुल नदी पर बना है जो पूरी तरह से ओवरफ्लो हो रहा है.
रिकॉर्ड विधुत उत्पादन
रिहंद बांध में पानी की भारी आवक को देखते हुए पिपरी और ओबरा जल विद्युत घर से रिकॉर्ड विधुत उत्पादन कराया जा रहा है. पानी की अपेक्षित उपलब्धता के बीच कई सालों के बाद दोनों विद्युत घरों की सभी इकाइयों के सही होने के कारण भी रिकॉर्ड विद्युत उत्पादन में मदद मिल रही है. फिलहाल पिपरी की 50 मेगावाट वाली छह और ओबरा की 33 मेगावाट वाली तीनों इकाइयों से जमकर उत्पादन कराया जा रहा है. मंगलवार सुबह पिपरी की छह इकाइयों से 297 मेगावाट तथा ओबरा से 88 मेगावाट उत्पादन जारी था.
अधिकारी बोले
जल विद्युत उत्पादन निगम के अधीक्षण अभियंता इ.डीबी यादव ने बताया कि बांध में पानी का इनफ्लो देखते हुए पिपरी और ओबरा की सभी इकाइयों को चलाया जा रहा है. पानी की उपलब्धता को देखते हुए दिन में भी इकाइयों को चलाया जा रहा है. बताया कि जल विद्युत उत्पादन के लिए वर्तमान में आदर्श स्थिति है.
ग्रामीणों को निकाला सुरक्षित
उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, और छत्तीसगढ की सीमा पर बना कनहर बांध के सभी 16 फाटक 15 दिनो से खोले गये. जिले के नगवां बांध, धंधरौल बांध भी भारी बारिश के चलते ओवरफ्लो हो गया है. जिला प्रशासन की तरफ से नदी के किनारे बसे सभी गांवो के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए बोल दिया गया है. भारी बारिश और बांध के ओवरफ्लो हो जाने के चलते गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.
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