Vanarasi : यूपी के वाराणसी में बाढ़, बारिश और सैलाब का कहर देखने को मिल रहा है. पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के कारण अब वाराणसी से गंगा अपने रौद्र रूप में दिखाई दे रही है. हाल ही में वाराणसी के 40 से अधिक घाटों की सीढ़ियां पूरी तहर से गंगा में डूब गई है और गंगा तेजी से खतरे के निशान के करीब बढ़ रही है. अभी वाराणसी में 4 सेंटीमिटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. 


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प्लेटफार्म गंगा में डूबा
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कराण वाराणसी के मणिकर्णिका घाट का हाल बेहाल है. शवदाह प्लेटफार्म गंगा में डूब जाने के बाद अब छत पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है. महाश्मशान घाट पर जगह कल होने के कारण लोगों का काफी इंतजार करना पड़ रहा है.   


गंगा आरती का स्थान बदला 
वहीं बाढ़ के कहर के कारण वाराणसी में नाव का संचालन भी पूरी तरह बन्द कर दिया गया है. उधर दशाश्वमेघ घाट पर गंगा आरती का स्थान भी चौथी बार बदला गया है.


संगम नगरी में भी बढ़ा  गंगा- यमुना का जलस्तर
तो वहीं दूसरी ओर प्रयागराज संगम नगरी में भी गंगा और यमुना का जलस्तर तोजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. दोनों नदियों का जलस्तर 
3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. बताया जा रहा है कि गंगा खतरे के निशान से लगभग 6 मीटर और यमुना 4 मीटर नीचे हैं. गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिर परिसर के पास जा पहुंचा है. तो वहीं यमुना का किला घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. 


तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा
अब दोनों नदियों का जलस्तर इतना बड़ गया है कि तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. अगर मौजूदा समय के हिसाब से दोनों नदियों का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो आने वाले दो दिनों में गंगा और यमुना के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का कहर दिखाई देगा. प्रयागराज में महाकुंभ की तैयरियां भी बाढ़ के कहर से प्रभावित हो रही है.   


बांदा में खतरे के निशान पर केन नदी
बांदा में केन नदी खतरे के निशान को पार कर तबाही मचाने पर आतुर हो गई है. मंगलवार को केन नदी खतरे के निशान से करीब 2.5 मीटर ऊपर हो गई है जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. 


यमुना नदी 96.99 मीटर पर पहुंच
तो वहीं चिल्ला में यमुना नदी में जल स्तर भी बढ़ रहा है. केन और यमुना नदियों के किनारे आबाद गांवों के भीतर बाढ़ का पानी घुसने लगा है. चिल्ला में यमुना नदी भी 96.99 मीटर पर पहुंच गई है. केन नदी का अचानक जल स्तर इतना बढ़ जाने से दर्जनों गांवों के सड़क मार्ग पर बाढ़ के पानी की चपेट में आने से मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. 


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