Gyanvapi Case: ज्ञानवापी के दो मामलों आज की सुनवाई पूरी, कोर्ट ने दोनों पक्ष के वकीलों को दिया ये आदेश
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी स्थित मां शृंगार के नियमित दर्शन पूजन की मांग के मुकदमे में ज्ञानवापी सर्वे में हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद मुकदमे की सुनवाई मंगलवार को जिला जज की अदालत में हुई है.
Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित तहखाना मामले में आज दो अहम सुनवाई हुई हैं. मामले में आगे की सुनवाईएक सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में तो दूसरी सुनवाई जिला न्यायालय में संपन्न हुई है. कोर्ट ने फैसला दिया है कि कल सुबह दस बजे से फिर होगी. मस्जिद कमेटी के वकील की बहस लगभग पूरी हो चुकी है. मंदिर पक्ष की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन ने आज बहस की है. कल सुबह फिर मंदिर पक्ष के वकील कोर्ट में दलील रखेंगे. साथ ही वक्फ बोर्ड के वकील भी कल कोर्ट में अपनी दलील रखेंगे.
दरअसल 31 जनवरी को वाराणसी जिला न्यायालय की तरफ से ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाना में पूजा पाठ के प्रबंध को लेकर जिला प्रशासन को आदेश सुनिश्चित किया गया था. ज्ञानवापी स्थित मां शृंगार के नियमित दर्शन पूजन की मांग के मुकदमे में ज्ञानवापी सर्वे में हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद मुकदमे की सुनवाई मंगलवार को जिला जज की अदालत में हुई है. पहले दिए गए प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई हुई है. सर्वे रिपोर्ट पर आपत्ति भी दाखिल होगी.
एक तरफ व्यास जी के तहखाना मामले में आए आदेश को लेकर हिंदू पक्ष ने खुशी जाहिर की तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताते हुए इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जाने का निर्देश दिया. मुस्लिम पक्ष 1 फरवरी को वाराणसी जिला कोर्ट में दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर तहखाना में पूजा-पाठ आदेश पर पुनः 15 दिनों तक प्रतिबंध लगाने की मांग की.
ज्ञानवापी केस में एक और याचिका
ज्ञानवापी केस में एक और याचिका सोमवार को दाखिल की गई. ये याचिका वादिनी राखी सिंह ने जिला जज की अदालत में दाखिल की. ज्ञानवापी परिसर में बंद तहखाने की ASI सर्वे कराने की मांग कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार किया. मामले में जिला जज की अदालत में मंगलवार को सुनवाई होगी.
प्रयागराज ज्ञानवापी मामले में कल इलाहाबाद हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होगी.ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी. डीएम वाराणसी को रिसीवर नियुक्त किए जाने के जिला जज के आदेश को भी मुस्लिम पक्ष ने चुनौती दी है. 31 जनवरी को जिला जज वाराणसी ने व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ की अनुमति दी. याचिका मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तरफ से दाखिल की गई है. दोपहर 12 बजे से जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में होगी सुनवाई.
ज्ञानवापी में कुल 8 तहखाने
हिन्दू पक्ष के वकील सौरभ तिवारी ने बताया कि इस ज्ञानवापी में कुल 8 तहखाने हैं. जिनमें से 6 तहखानों का सर्वे एएसआई ने किया है. बाकी बचे 2 तहखानों का भी सर्वे हो इसके लिए याचिका डाली गई है. कोर्ट में दाखिल की गई इस याचिका में तहखानों का नक्शा भी लगाया गया है. इस याचिका में कहा गया है कि सर्वेक्षण से पहले बंद किए गए प्रवेश द्वार को भी खोला जाए और तहखाने में मौजूद मलबे को हटाया जाए. इसलिए एएसआई को संरचना को बिना कोई नुकसान पहुंचाए तहखानों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया जाए. जानकारी के मुताबिक यह दोनों तहखाने पत्थरों से पूरी तरह ढके हुए हैं. इन तहखानों में क्या कुछ छुपा है इसकी सच्चाई भी सामने आनी चाहिए, इसके लिए जिला जज की अदालत में अपील की गई है. इस पर सुनवाई के लिए 6 फरवरी यानी मंगलवार की तारीख तय की गई.
क्या मिला सर्वे में?
सर्वेक्षण के दौरान 2.5 सेमी लंबा, 3.5 सेमी चौड़ा बलुआ पत्थर का संगमरमर का शिवलिंग बिल्कुल सही हालत में पाया गया. इसी तरह 8.5 सेमी लंबा, 5.5 सेमी ऊंचा और 4 सेमी चौड़ा पत्थर का नंदी भी ठीक हालत में है. इस बात का जिक्र ASI ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में भी किया है. इसी प्रकार एक बीम पर नागरी लिपि में लिखी काशी को दर्शाया गया है. इसकी तस्वीर भी रिपोर्ट में जारी है.इसके अलावा अवशेष पर संस्कृत में लिखे शब्द श्रीमच्छा, पा भृगुवास, वद्विजातिश्च, आय अर्जानी, जातिभि: धर्मज्ञ: अंकित है.