नूरपुर: नूरपुर विधानसभा उपचुनाव की गिनती पूरी हो चुकी है. सपा के नईमुल हसन ने बीजेपी प्रत्याशी अवनी सिंह को 6211 वोटों से हराया. नूरपुर सीट  बीजेपी विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के बाद खाली हुई थी. लोकेंद्र चौहान की मौत फरवरी में कार हादसे में हो गई थी. बीजेपी ने लोकेंद्र सिंह चौहान की पत्नी अवनी सिंह को मैदान में उतारा था. इस सीट पर कुल 10 प्रत्याशी मैदान में थे. गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत के बाद नूरपुर विधानसभा और कैराना लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी जरूर निराश होगी. इन चुनावी नतीजों का सीधा असर 2019 लोकसभा चुनाव पर देखने को मिलेगा.


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नूरपुर और कैराना में जीत के लिए बीजेपी ने नेताओं और मंत्रियों की फौज खड़ी कर दी थी. उपचुनाव में बीजेपी को हराने के लिए सपा और राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन किया. दोनों दलों ने मिलकर आपस में सीट बांट ली. सपा ने नूरपुर विधानसभा में अपने प्रत्याशी नईमुल हसन को उतारा. कैराना लोकसभा सीट को सपा ने रालोद प्रत्याशी के लिए छोड़ दिया. कैराना में गठबंधन की तरफ से तबस्सुम हसन मैदान में थीं. तबस्सुम हसन पहले सपा में थी. बाद में उन्होंने रालोद का दामन थाम लिया और उन्हें गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा गया.


 



 


कैराना में जीत के लिए एक तरफ बीजेपी थी, दूसरी तरफ तमाम राजनीतिक दल एकसाथ खड़े हो गए. गठबंधन को कांग्रेस, बसपा और आम आदमी पार्टी ने भी समर्थन दिया था. नूरपुर में जीत के बाद लखनऊ में सपा मुख्यालय के बाहर सपा कार्यकर्ता जीत का जश्न मना रहे हैं.


 



 


चुनाव आयोग के मुताबिक नूरपुर में 3.06 लाख वोटर हैं. वोटिंग के लिए कुल 2056 पोलिंग बूथ बनाए गए थे. चुनाव के दौरान कई बूथों पर ईवीएम मशीन खराब होने की शिकायत आई थी. 28 मई को नूरपुर समेत देश की चार लोकसभा सीट और दस विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे. कैराना लोकसभा में भी गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह से करीब 43 हजार वोटों से आगे चल रही हैं.