लखनऊ: विवेक तिवारी हत्याकांड की जांच के लिए गठित SIT (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) की टीम गोमती नगर थाना क्षेत्र के उस जगह पहुंची जहां इस वारदात को अंजाम दिया गया था. सरकार की तरफ से उनकी पत्नी को नौकरी और मुआवजे के आश्वासन के बाद रविवार को विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार किया गया. उनकी अंतिम यात्रा उनके घर गंगा अपार्टमेंट से निकाली गई और बैकुंठ धाम में उनका अंतिम संस्‍कार सुबह करीब आठ बजे किया गया. इस दौरान यूपी सरकार के मंत्री बृजेश पाठक और आशुतोष टंडन बैकुंठ धाम पहुंचकर विवेक के परिजनों से मुलाकात की.


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शनिवार को लखनऊ के जिलाधिकारी ने कहा था कि विवेक तिवारी के परिजनों की सभी मांगे मान ली गई हैं. सरकार ने आश्वासन दिया है कि उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी और मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये दिए जाएंगे. हालांकि, परिजनों की तरफ से मुआवजे के तौर पर एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की गई है. जिलाधिकारी ने कहा कि SIT 30 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंप देगी. जरूरत पड़ने पर मामले की जांच CBI से भी कराई जाएगी.



इस घटना को लेकर सीएम योगी ने साफ-साफ कहा है कि ये कोई एनकांउटर नहीं था. इस घटना की जांच की जा रही है. विवेक तिवारी के परिवार ने पुलिस पर एनकाउंटर का आरोप लगाया है. पीड़ित परिवार ने कहा कि पुलिस ने विवेक का एनकाउंटर ‍किया है. उनका कहना है कि यह हादसा नहीं, बल्कि हत्‍या है. पुलिस ने बेगुनाह की हत्‍या की है. वहीं, यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कहा है कि यह घटना दुखद है. दो पुलिसवालों के खिलाफ हत्‍या का केस दर्ज किया गया है. मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.



इस पूरे मामले को लेकर लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि 2 पुलिसवालों के खिलाफ हत्‍या का केस दर्ज किया गया है. उन्‍होंने कहा कि विवेक तिवारी के चरित्र पर कोई शक नहीं है. पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है कि विवेक की मौत सिर पर गोली लगने से हुई है. यह घटना सुनियोजित नहीं थी. मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है. घटना का सच सबके सामने होगा.