UP News: दिवाली बीत गई लेकिन अभी भी ठंड का एहसास नहीं हुआ. जी हां ये आप और हम सभी महसूस कर रहे हैं लेकिन ये चिंताजनक बात है. दरअसल यूपी समेत उत्तर पश्चिमी भारत में अक्टूबर का महीना असामान्य सा रहा है. विशेषज्ञ बता रहे हैं कि तटस्थ निनो परिस्थितियों और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों की अनुपस्थिति के चलते इस बार यूपी में अक्टूबर महीने में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी अधिक दर्ज किए गए हैं.


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आंकड़ा बताता है कि यूपी समेत उत्तर-पश्चिमी भारत में अक्टूबर महीने का रात का औसत न्यूनतम तापमान 1901 से लेकर अब तक के 124 वर्षों में सबसे अधिक रहा है. सूबे की राजधानी लखनऊ में औसत मासिक न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जो अक्टूबर में रहने वाले सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है. लखनऊ में अक्टूबर की रातें बाकी सालों के मुकाबले अधिक गर्म रहीं.


अगर दिन के तापमान की बात की जाए तो औसत अधिकतम तापमान भी सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. मौसम विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि अब नवंबर में भी तटस्थ निनो परिस्थितियों के बने रहने और पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता में कमी के चलते सामान्य से कम या ना के बराबर बारिश होने की संभावना है. इसके चलते आने वाले दिनों में तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट ही देखने को मिलेगी.


मौसम विज्ञानिकों का कहना है कि इस महीने भी न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी ज्यादा रहेगा. ऐसा ही कुछ अधिकतम तापमान के साथ होने वाला है. चिंता की बात ये है कि इसका असर आम आदमी की सेहत पर, खेती किसानी पर पड़ रहा है. इस बीच वायु प्रदूषण की मार राज्य के लोग पहले से झेल रहे हैं. खराब हवा की बात की जाए तो गोरखपुर का हाल सबसे बुरा है. लखनऊ और कानपुर में भी हवा खराब है.


बरेली , मुरादाबाद , मेरठ और मुजफ्फरनगर में भी ''खराब''हवा बह रही है. हालांकि आगरा और प्रयागराज में वायु गुणवत्ता ठीक है.