अयोध्याः वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस में भगवान श्री राम के जीवन के हर पहलू का सुंदर वर्णन है. वनवास काल के दौरान भगवान श्री राम जिन-जिन जगहों पर गए थे. उस जगह पर अब बदायूं जनपद की रहने वाली वाटर वूमेन के नाम से मशहूर शिप्रा पाठक जाएगी. बता दें, यह उनकी पहली यात्रा नहीं है, इससे पहले भी वह कई पद यात्राएं कर चुकी है. भगवान राम की नगरी अयोध्या से लगभग 4000 किलोमीटर की लंबी पद यात्रा का शुभारंभ शिप्रा पाठक ने कर दिया है. 


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क्यों कहते है इन्हें वॉटर वुमन
शिप्रा पाठक का यह पहला मौका नही है, जब वह किसी पद यात्रा पर निकली हों पहले वे मां नर्मदा, सरयू, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों की पदयात्रा कर चुकी है. यही कारण है कि उन्हें लोग वॉटर वुमन के नाम से जानते है.


भारत की पैदल यात्रा  
शिप्रा पाठक का कहना है कि पदयात्रा अयोध्या से रामेश्वरम तक चलेगी. जिसमें प्रमुख रूप से दो केंद्र बिंदु है. एक राम वन गमन मार्ग पर जानकी वाटिका बनाया जाए और दूसरा जल संरक्षण के लिए नदियों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए. साथ ही नारी शक्ति में संस्कृत का विकास करना प्रमुख उद्देश्य है. बता दें, 4000 किलोमीटर की यह लंबी यात्रा है जो 5 से 6 राज्यों को पार करते हुए रामेश्वरम तक जाएगी. इसमें लगभग आधे भारत की यात्रा पैदल की जाएगी.


यात्रा का मुख्य उद्देश्य
पदयात्रा के दौरान वाटर वूमेन के नाम से मशहूर शिप्रा पाठक ने अयोध्या के लक्ष्मण किला मंदिर में संतों से आशीर्वाद भी लिया. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्राचीन नदियों के आसपास वन और हरियाली संरक्षित किए जाने का है. 


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