अकबर को तोहफे में मिला हुक्‍का, एक बार के बाद इस वजह से नहीं लगाया हाथ

Amitesh Pandey
Jun 08, 2024

शराब के आदी

शाजी जमा की किताब 'अकबर' के मुताबिक, अकबर दोनों बेटों के नशे से परेशान थे. जबकि तीसरा बेटा सलीम यानी जहांगीर नूरजहां को लेकर अकबर का दुश्मन बन गया.

बंदूक की नली में डालकर शराब पिया

पहरा बैठाने पर जब दानियाल को शराब नहीं मिल पा रही थी तो उसने अपनी बंदूक की नली में शराब डालकर पी ली थी.

बीमार हो गया

बताया गया कि बंदूक की नली में जंग लगी थी, शराब पीते ही दानियाल बीमार हो गया और कुछ ही दिन बाद उसकी मौत हो गई;

शराब पीने की लत

वहीं, अकबर के बड़े बेटे मुराद को भी शराब पीने की लत लग गई. उसकी भी शराब पीने से मौत हो गई.

हुक्‍का लेकर आया

कहा जाता है जब अकबर के करीबी मिर्जा असद बेग दकन से लौटकर आए तो बादशाह के लिए हुक्‍का लेकर आए.

दूसरी बार नहीं छुआ

अकबर ने हुक्‍के को सिर्फ एक बार हाथ लगाया. इसके बाद दूसरी बार उसे छुआ तक नहीं.

तंबाकू का नशा

जानकारों के मुताबिक, मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में भारत में तंबाकू का नशा शुरू हुआ, जो कुछ ही दिनों में चरम पर पहुंच गया.

पुर्तगाली ने तोहफा दिया

कहा जाता है कि अकबर के दरबार में वर्नेल नाम का एक पुर्तगाली आया था. पुर्तगाली ने अकबर को तोहफे में एक चिलम भेंट में दी थी.

तंबाकू भेंट किया

पुर्तगाली ने चिलम के साथ अकबर को तंबाकू भी भेंट किया था.

चिलम पीना सिखाया

अकबर को चिलम बहुत पसंद आई थी. कहा जाता है कि पुर्तगाली ने अकबर को चिलम पीना भी सिखाया था.

मुगलकाल में शाही शौक

यही वजह है कि कहा जाता है कि तंबाकू और शराब का नशा मुगलकाल में शुरू हुआ था, जो आज तक चला आ रहा है. बाबर से लेकर औरंगजेब तक शराब कबाब के शौकीन थे.

डिस्क्लेमर

पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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