मतभेद

अर्जुन महाभारत के महान योद्धाओं में से एक थे. कई इतिहासकारों के बीच अर्जुन के विवाह को लेकर मतभेद है.

चौथी पत्नी

आज हम अर्जुन की चौथी पत्नी उलूपी के बारें में चर्चा करने जा रहे है. उलूपी एक नाग कन्या थी.

वनवास

अर्जुन वनवास के दौरान उलूपी से मिले थे, उलूपी अर्जुन को देखते ही उन पर मोहित हो गई थी.

अर्जुन ने विवाह

उलूपी अर्जुन को अपने साथ अपने नागलोक ले गई. उलूपी ने अर्जुन से विवाह करने के लिए अनुरोध किया

नागलोक

नागलोक में ही उलूपी और अर्जुन का विवाह संपन्न कराया गया. विवाह के बाद दोनों पूरे एक वर्ष तक साथ रहे थे.

हरिद्वार

एक साल बाद अर्जुन को छोड़ने के लिए उलूपी हरिद्वार तक आई थी. यहां पर उलूपी ने अर्जुन को एक वरदान भी दिया था

वरदान

उलूपी ने अर्जुन को वरदान दिया था कि आप जल में सर्वत्र अजेय होंगे और सभी जलचर आपके वश में रहेंगे.

नागकन्या

अर्जुन और नागकन्या उलूपी के मिलन से अर्जुन को एक वीर पुत्र मिला जिसका नाम इरावान रखा गया.

उलूपी द्वारा

इरावान सदा मातृकुल में रहा, उसे नागलोक में ही माता उलूपी द्वारा पाल-पोसकर बड़ा किया गया.

पिता अर्जुन की भांति

इरावान भी अपने पिता अर्जुन की भांति रूपवान, बलवान, गुणवान और सत्य पराक्रमी था

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