बागपत का पुरा महादेव गांव हेरिटेज श्रेणी में देश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का सम्मान प्राप्त कर चुका है. इस गांव में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. आइये जानते हैं ये इतना प्रसिद्ध क्यों है
सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का सम्मान हासिल करने वाला यह गांव अब राज्य ही नहीं पूरे देश में मशहूर है. इसलिए इसे ग्रामीण पर्यटन के लिए तैयार किया जा रहा है.
पुरा महादेव गांव मलिक जाटों द्वारा बसाया गया था जो हिंडन नदी के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित है.
इस गांव में भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर हैं जहां साल में दो बार कांवड़ यात्रा पर लाखों भक्त आते हैं.
पुरा महादेव के प्राचीन शिव मंदिर की कांवड़ यात्रियों में बहुत मान्यता है. साल में दो बार यहां लाखों कांवड़िये हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं.
इस गांव में भगवान शिव मंदिर की तलहटी में श्रावण के चौदहवें दिन (अगस्त-सितंबर में) और फाल्गुना (फरवरी) मे मेले आयोजित किए जाते हैं.
पुरा महादेव मेरठ से 32 कि.मी., बागपत से 28 कि.मी. दूर है. बागपत कई प्रमुख राजमार्गों से जुड़ा है इसलिए यहां पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं है.
मान्यता है कि ऋषि परशुराम ने यहां एक शिव मंदिर की स्थापना की और शिवपुरी नाम रखा, जो कि समय की प्रक्रिया में परिवर्तित होकर शिवपुरा हो गया और पुरा महादेव हो गया.
यहां बताई गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है और कई बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.