हिंदू धर्मग्रंथों और पुराणों के अनुसार तांबूल यानी पान के पत्ते के अलग-अलग भाग में अनेक देवी-देवता का वास होता है. ऐसे में धार्मिक अनुष्ठानों में इसे रखना शुभ माना गया है.

Padma Shree Shubham
May 07, 2023

प्रेम से भी पान का संबंध है, वात्सायन के लिखे ग्रंथ ‘कामसूत्र’ में बताया गया है कि वेश्यालयों के पास पान की दुकानें लगती थीं जहां अलग अलग स्वाद और रस वाले पान मिलते थे.

वर्ष 1292 में दक्षिणी भारतीय के कोरोमंडल तट पर इतालवी सौदागर और रिसर्चर मार्को पोलो आए और लिखा यहां कई लोगों को तंबूर (पान) की पत्ती चबाने की आदत थी. जिसे कपूर और कई मसालों के साथ मिलाते थे.

14वीं शताब्दी में मोरक्को के विद्वान इब्न बतूता भारत आए, उन्होंने लिखा कि दिल्ली सल्तनत में महल का खाना पान के साथ खत्म होता है.

वैज्ञानिकों की माने तो पत्तों की बनावट और उनके रासायनिक गुणों के आधार पर पान छह तरह के होते हैं- बंगला पान, मगही पान, सांची पान, देशावरी पान, कपूरी पान,मीठी पत्ती वाला पान.

पान में एंटी-माइक्रोबियल के साथ ही एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं. इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे तत्व पाए जाते हैं. हाई ब्लड प्रेशर के साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल को पान से रोका सकते हैं.

पान की पत्तियों में विटामिन ए , बी3, बी2, बी1 और सी, कैरोटीन, कैल्शियम होता है. इसे सुंगधित सुपारी और कई सात्विक चीजों के साथ चबाना फायदेमंद होता है.

पान चबाने से मुंह शुद्ध रहता है. दांत मजबूत और पाचन क्रियां ठीक रहती है, सांस संबंधी बीमारी दूर रहती है. घावों और सूजन में पान से इलाज करना लाभकारी होता है. छाती में सूजन कम होती है.

मुंहासों और छालों को पान दूर करता है. हालांकि तंबाकू के साथ पान खाना हानिकारक होता है. पान ज्यादा चबाने से कई दूसरी परेशानियां हो सकती हैं.

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