हिंदू धर्म में कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है. इसलिए नवरात्रि में उनका पूजन कर उन्हें भोजन करवाया जाता है.
नवरात्रि में नौ कन्याओं को भोजन कराना अधिक फलदायक होता है. लेकिन कन्याभोज कराते समय ये गलतिया नहीं करनी चाहिए.
कन्याभोज कराते समय जिस जगह कन्याओं के बैठाना है. उस जगह को अच्छे से साफ कर लेना चाहिए.
कन्या पूजन वाले दिन किसी भी बच्ची को डांटने नहीं चाहिए. आपके व्यवहार से कन्याएं जितनी प्रसन्न होंगी माता भी आप से उतनी ही प्रसन्न रहेंगी
कन्याओं के आते ही सबसे पहले उनके पैर अपने हाथों से फैर धोने चाहिए और उसके बाद पैर पोंछकर उन्हें आसन तक ले जाना चाहिए.
तिलक करते समय ध्यान रखें कि कन्याओं का मुंह उत्तर-पूर्व दिशा यानि ईशान कोण की ओर होना चाहिए.
कन्या पूजन करते समय कन्याओं के साथ एक बालक को भी बुलाया जाता है. अगर आप ऐसा नहीं करते है तो पूजा अधूरी मानी जाती है.
कन्या भोज कराने के बाद उन्हें अपने सामर्थ अनुसार दक्षिणा भी दी जाती है. इसमें आप गेंहू, चावल, वस्त्र या पैसा भी दे सकते है.
कन्या पूजन में कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है, इसलिए ख्याल रखें कि कोई कन्या आपके पैर न छुए.