जब भी भारत के उत्तर में प्रमुख राज्यों की बात होती है, तो इसमें उत्तर प्रदेश का नाम भी लिया जाता है. भारत का ये राज्य सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध इतिहास के साथ अनूठी परंपराओं का घर है.
भारत का यह राज्य सबसे अधिक जिले वाला राज्य भी है. साथ ही यहां सबसे अधिक जनसंख्या भी है. वहीं, धार्मिक रूप से भी ये महत्वपूर्ण राज्य है.
उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान राज्य भी है, जो कि बड़ी मात्रा में फसलों का उत्पादन कर भारतीयों के बीच खाद्यान की आपूर्ति कर रहा है. आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा.
क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला धान का कटोरा कहा जाता है. अगर नहीं, तो आइए हम इस बारे में जानते हैं. जिसके चावल की डिमांड विदेशों तक है.
यूपी में कुल जिलों की संख्या 75 हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं. इसके कुल क्षेत्रफल की बात करें, तो ये 240,928 वर्ग किलोमीटर है. ऐसे में क्षेत्रफल के हिसाब से ये राज्य देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है.
प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला बलिया है, तो सबसे पश्चिमी जिला शामली है. वहीं, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर और सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है. यूपी का सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खिरी है, तो सबसे छोटा जिला हापुड़ है.
अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला धान का कटोरा भी कहा जाता है. आपको बता दें कि यूपी का चंदौली जिला धान का कटोरा भी कहा जाता है. यहां अच्छे क्वालिटी के चावल मिलते हैं.
दरअसल, चंदौली जिला पहले वाराणसी का भाग हुआ करता था, लेकिन 1997 में इसे बनारस से अलग कर एक नया जिला बनाया गया.
चंदौली जिले में मिलने वाली मिट्टी धान की खेती के लिए उपजाऊ है. ऐसे में यहां धान की अच्छी गुणवत्ता वाली खेती होती है. जिसके चलते इसे धान का कटोरा कहा जाता है.