महाभारत के लगभग हर किरदार से आप सब वाकिफ होंगे. हालांकि, कुछ ऐसे भी किरदार हैं जिनके बारे में लोग बहुत कम ही जानते हैं. इन्हीं में से एक युयुत्सु. तो आइये जानते हैं कौन था युयुत्सु?.
जानकारी के मुताबिक, युयुत्सु धृतराष्ट्र का पुत्र था. हालांकि उसकी माता गंधारी नहीं थी. युयुत्सु एक दासी का पुत्र था.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी जब गर्भवती थीं तो धृतराष्ट्र की देखभाल एक दासी किया करती थी.
कहा जाता है कि इसी दासी से ही युयुत्सु का जन्म हुआ था. युयुत्सु का जन्म उसी समय हुआ था जब भीम और दुर्योधन का जन्म हुआ था.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, धृतराष्ट्र का पुत्र युयुत्सु भी कौरव था. हालांकि, उसने सदा धर्म का पक्ष लिया.
कहा जाता है कि जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था उस समय युयुत्सु ने कौरवों का विरोध किया था.
महाभारत युद्ध में युयुत्सु ने पांडवों का साथ दिया और उन्हीं की तरफ से युद्ध भी लड़ा.
यह भी कहा जाता है कि जब महाभारत का युत्र हो रहा था तो युधिष्ठिर ने युयुत्सु को रणभूमि में नहीं भेजा.
युद्ध में भाग हिस्सा लेने के बजाय युयुत्सु को योद्धाओं के लिए हथियारों की आपूर्ति की व्यवस्था की देखभाल के लिए रखा था.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, युयुत्सु धृतराष्ट्र का इकलौता पुत्र था जो कि महाभारत युद्ध में बच गया.
बता दें धतृराष्ट्र और गांधारी के 100 पुत्र थे जो सभी युद्ध में मारे गए थे. धतृराष्ट्र और गांधारी की एक पुत्री भी जिसका नाम था दुशाला.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इस काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.