समस्त संसार में जितनी भी प्रेम कहानी है उनमें से शिव पार्वती कहानी इस पूरे ब्रह्मांड की सबसे महान प्रेम कहानी है
यह भी सत्य है कि ब्रह्मांड का पहला प्रेम विवाह है, जिसमें पार्वती मां ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए बहुत मेहनत की है
आज कल के प्रेम में लोग साल तो छोड़िए महीने भर भी अपने प्रेमी या प्रेमिका का इंतजार नहीं करते
पर आपने कभी सोचा है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कितना इंतजार किया था
क्या जानते है कि पार्वती माता को कितने बर्षों की तपस्या करनी पड़ी थी उन्होंने इस समय कितने कष्ट भोगे थे.
माता पार्वती ने शिवजी के चरणों का ध्यान करते हुए संपूर्ण भोगों तथा सुख के साधनों का परित्याग कर दिया था
माता पार्वती ने एक हजार वर्ष तक कंदमूल और फल का सौ वर्ष केवल शाक का आहार का और कुछ दिन तक केवल पानी और हवा का आहार किया था
इतना ही नहीं वृक्ष से गिरी हुई बेल की सूखी पत्तियां खाकर तीन हजार वर्ष व्यतीत किए थे इसीलिए उनका नाम अपर्णा पड़ गया था.
कहा जाता है कि माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति रूप में पाने के लिए 14 हजार वर्ष कठिन तपस्या की थी.