ट्रेन से आपने भी एक न एक बार जरूर सफर किया होगा.
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि ट्रेन उस जगह रुक जाती है जहां उसका स्टॉप नहीं होता.
ट्रेन के रुकने पर पता चलता है ट्रेन में बैठे किसी यात्री ने चैन पुलिंग की है.
ट्रेन स्टॉफ को झट से पता चल जाता है किस डिब्बे से चेन खींची गई है.
यात्रा के दौरान आपने देखा होगा ट्रेन के अंदर खिड़की के ऊपर छत की तरफ एक लाल चेन लटकती है.
परिवार के साथ यात्रा करने पर हमेशा इसे न खींचने की चेतावनी दी जाती है.
इस चेन के नीचे चेतावनी भी लिखी होती है कि बिना कारण जंजीर खींचने पर जुर्माना और जेल हो सकती है.
ट्रेन के कोच में लगी जंजीर मुख्य ब्रेक पाइप से जुड़ी होती है. इसमें प्रेशर बनाए रखा जाता है.
चेन खींचने से ब्रेक एयर पाइप का वाल्व खुल जाता है और प्रेशर से हवा निकल जाती है.
लोको पायलट देखता है कि प्रेशर मीटर में दबाव कम हो रहा है, तो वह तीन हॉर्न बजाता है और ट्रेन रोक देता है.
तीन हॉर्न का संकेत है कि गार्ड और सुरक्षाकर्मियों को पता चल जाए कि ट्रेन में चेन खींची गई है.
ट्रेन की साइड दीवारों में एमरजेंसी फ्लैशर लगे होते है, जिस कोच में चेन पुलिंग होती , वहां लाइट जलने लगती है.
इसे मैनुअल तरीके से रीसेट करने के बाद दोबारा ट्रेन चलने के लिए तैयार हो जाती है.