रेलवे ट्रैक पर क्यों बिछाये जाते हैं नुकीले पत्थर, वजह हैरान करने वाली

Shailjakant Mishra
Aug 05, 2024

रेलवे

भारतीय रेलवे से आपने एक न एक बार सफर जरूर किया होगा. लंबे सफर के लिए इसे बेहतर विकल्प माना जाता है.

नुकीले पत्थर

अगर आपने गौर किया हो तो देखा होगा कि हर जगह रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थर पड़े होते हैं.

क्या वजह

आखिर क्या वजह है कि रेलवे ट्रैक के बीच में इन नुकीले पत्थरों को बिछाता है. आइए जानते हैं.

ट्रैक बैलेस्ट

रेलवे ट्रैक पर पड़े पत्थर गिट्टी को ट्रैक बैलेस्ट कहा जाता है. इनको ग्रेनाइट, चूना पत्थर आदि के नेचुरल डिपॉजिट से बनाया जाता है.

स्लीपर

रेल पटरियों के बीच बिछे लंबे प्लेट्स को स्पीकर कहा जाता है, ये कंक्रीट के होते हैं. पहले यह लकड़ी के होते थे जो जल्द गल जाते थे.

बैलेंस

ट्रेन का वजह बहुत ज्यादा होता है. जिनको संभालना पटरियों के लिए मुश्किल होता है. सबसे ज्यादा वजन इस गिट्टी पर ही होता है. नुकीले पत्थर एक-दूसर में मजबूत पकड़ बना लेते हैं, जो आसानी से ट्रेन के वजन को संभाल लेते हैं.

सुरक्षा

ट्रेन के ट्रैक से गुजरने पर कंपन बहुत ज्यादा होता है. पत्थर इसे स्पीपर में फैलने से रोकते हैं, वरना

नहीं डूबता ट्रैक

बारिश में ये नुकीले पत्थर ट्रैक को डूबने से बचाते हैं. इनसे बरसात का पानी सीधे जमीन में चला जाता है.

पेड़ पौधे नहीं उगते

रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थर की वजह से ही पेड़ पौधे नहीं उगते हैं. ये गिट्टी घास-पौधों को फलने-फूलने नहीं देतीं.

गोल पत्थर का नुकसान

नुकीले पत्थरों की जगह अगर गोल पत्थर होंगे, तो इनके फिसलने की संभावना काफी ज्यादा होगी और पटरी अपनी जगह से हट जाएगी.

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