आमतौर पर जानवरों को फुर्तीला, चौकन्ना माना जाता है, जो हर समय अलर्ट और एनर्जी से भरपूर रहते हैं, लेकिन ये सच नहीं है.
धरती पर ऐसे बहुत से जानवर हैं, जो आलस में इंसानों को भी पीछे छोड़ देते हैं और अपनी जिंदगी का अधिकतर हिस्सा सोते हुए बिता देते हैं.
ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले प्यारे को आला दिन में 18-22 घंटे तक सोते हैं. ये पहले जीभर कर यूकेलिप्टस के पत्ते खा लेते हैं, फिर उन्हें पचाने के लिए सोते रहते हैं.
शेर और टाइगर भी दिन में 16-20 घंटे लंबी नींद लेते हैं. दिन में आमतौर पर आराम करते हैं और रात में शिकार.
पानी में डुबकियां लगाने वाली बत्तख भी 14-16 घंटे की नींद लेना पसंद करती हैं. ये पानी में तैरते-तैरते ही अपनी नींद पूरी कर लेती हैं.
पानी से अथाह प्यार करने वाले दरियाई घोड़े भी करीब 16 से 20 घंटे तक सोते हैं. इनके नाम में घोड़ा जरूर लगा है, लेकिन ये एक नंबर के आलसी होते हैं.
फिलीपींस में पाए जाने वाले ये कछुए समुद्र के अंदर ही 20 घंटे तक लंबी नींद ले लेते हैं. ये सिर्फ ताजी हवा लेने के लिए पानी के ऊपर आते हैं, फिर वापस नीचे चले जाते हैं.
इंसानों का ये नजदीकी जीव भी 12 से 15 घंटे की नींद लेता है. ये खुद को थकान से बचाने और सुरक्षित रखने के लिए ज्यादा सोते हैं.
बंदर भी 12-16 घंटे सोते हैं. पेड़ों से घंटों तक लटके-लटके ही ये अपनी नींद पूरी कर लेते हैं, लेकिन अपनी सेफ्टी के लिए नींद में भी अलर्ट रहते हैं.
जमकर उत्पात मचाने वाले खरगोश भी सोने के मामले में किसी से कम नहीं हैं. ये घास के बीच और बिलों के अंदर 12 से 14 घंटे तक सोते हैं.
संस्कृत के श्लोक में स्टूडेंट्स को कुत्ते जैसी नींद (श्वान निद्रा) की सलाह दी गई है, लेकिन ये भी 12 से 14 घंटे सोकर गुजार देते हैं.
आमतौर पर बिल्ली 12-16 घंटे सोना पसंद करती हैं. कुछ घरेलू बिल्लियां तो 20-20 घंटे तक सोती रहती हैं.