बिजली बिन सब सूना

आज हम बिजली के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते. गांव हो या शहर बिजली के बिना अब जीना मुश्किल सा है.

पहला बल्ब कहां जला?

पहले के समय में लोग बिना बिजली के रहते थे. क्या आप जानते हैं कि भारत में बिजली कब आई और पहला बल्ब कहां जला होगा.

कब आई बिजली?

कैसा रहा होगा जब किसी शहर में बिजली आई होगी...आइए जानते हैं इन सवालों का जबाव..पहले बात करते हैं भारत की.

भारत में सबसे पहले

भारत में सबसे पहले बिजली कोलकाता में आई थी. 24 जुलाई, 1879 को कोलकाता में बिजली से जलने वाली लाइट का पहला डेमो किया गया था.

सबसे पहले दार्जिलिंग

भारत में बिजली की आपूर्ति सबसे पहले दार्जिलिंग में हुई थी. अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश की.

अब उत्तराखंड का हिस्सा

यूपी का पहला शहर जो बल्ब की रोशनी से रोशन हुआ वो था मसूर, जो अब उत्तराखंड का हिस्सा है.

मसूरी पहला शहर

जी हां मसूरी को यूपी को पहला शहर माना जाता है जो पहली बार रोशन हुआ था. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बंटवारे के बाद यह उत्तराखंड में चला गया.

ब्रिटिशों का हिल स्टेशन

ऐसा कहा जाता है कि मसूरी उस समय ब्रिटिश राज में अंग्रेजो के लिए एक हिल स्टेशन था.

मसूरी में अंग्रेज अधिकारियों की फैमिली

मसूरी में अंग्रेज अधिकारियों की फैमिली छुट्टियां मनाने के लिए आती थी. उनके लिए ये बहुत ही शानदार जगह थी.

बिजली लाने का संकल्प

लेकिन यहां पर बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण उनको काफी परेशानी होती थी. जिसके बाद यहां पर बिजली लाने की सोची गई.

करीब 115 साल पहले

आज से करीब 115 साल पहले मसूरी को पहली बार बिजली की सुविधा मिली थी. 24 मई 1909 को पहली बार मसूरी में बिजली से बल्ब रोशन हुआ.

पहली बार बिजली

मसूरी भारत के उन प्रमुख शहरों में से एक था जिसे पहली बार बिजली मिली.

कानपुर का भी जिक्र

मसूरी के बाद कई रिपोर्ट में कानपुर का नाम भी मिलता है. शुरुआत में कानपुर के गिरिजाघरों, गलियों और अंग्रेज के घरों में बिजली सप्लाई दी गई थी.

डिस्क्लेमर

स्पष्ट कर दें कि यहां पर कुछ फोटो AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.

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