डबल-डेकर बस या डबल-डेक बस वह होती है जिसमें यात्रियों के लिए दो मंजिलें या डेक होती हैं.
भारत में पहली डबल-डेकर बस 1937 में मुंबई में शुरू की गई थी.
मुंबई की तर्ज पर अब लखनऊ में भी तीन दशक बाद डहल डेकर बसों का संचालचत शुरू होने जा रहा है.
लखनऊ में चलने वाली यह बस सेवा कमता से शहीद पथ होते हुए स्कूटर्स इंडिया के रूट पर चलाई जाएगी.
अशोक लेलैंड ने सिटी ट्रांसपोर्ट निदेशालय को CSR फंड के तहत डबल लेकर बस उपलब्ध कराई है.
बताया जा रहा है कि 15 अगस्त तक ये डबल डेकर बसें लखनऊ की सड़कों पर उतर जाने की संभावना है.
परिवहन निगम के अनुसार सर्वे रिपोर्ट आ जाने के बाद ही इस सेवा के लिए किराया तय किया जाएगा.
शुरूआत में चलने वाली 2 बसों को इलेक्ट्रिक बनाया गया है. इनके लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाने के ऊपर बातचीत चालू है.
टाटा कंपनी द्वारा परिवहन विभाग को सौंपे गए प्रस्ताव के अनुसार डबल डेकर बस का ट्रायल करने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी.