दूसरों की तरक्की से दिल जल जाता है?

Padma Shree Shubham
Jul 28, 2024

तरक्की

प्रेमानंद महाराज से सवाल किया गया कि आखिर तब क्या करें जब दूसरों की तरक्की देखकर जलन हो.

माया सुख

प्रेमानंद महाराज ने जवाब में कहा कि जो लौकिक सुख है या माया सुख है, वो पुण्य से मिलता है.

प्रयास

आपने पूर्व पुण्य किए हैं, तपस्या की, सारी सुविधाएं मिलेंगी. पूर्व में पुण्य नहीं किए तो प्रयास करेंगे बाधा सामने होगी.

लौकिक उन्नति

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि पढ़ लिख गए नौकरी नहीं मिलेगी. लौकिक उन्नति में हमारे पूण्य होते हैं.

समझौता

कोई जबरदस्ती दुख दे तो वो मेरा कर्म है. यही अध्यात्म समझौता है. भजन से आपकी बाधा रूपी पाप कर्म वो भस्म होगा.

भीतर भी कामना

महाराज जी कहते हैं कि जिसको देख आप ललचा रहे हैं, उसके पास वो वस्तुएं हैं पर वो अशांत है, उसके भीतर भी कामना है.

अशांत

वो अशांत है, क्योंकि वो भी किसी को देख रहा है. कोई दूसरा तीसरे को देख रहा है. उन्होंने यही ही चल रहा है.

डिस्क्लेमर

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