12 अक्टूबर को देशभर में दशहरा पर रावण दहन किया जाएगा, लेकिन बागपत के बड़ागांव में रावण का दहन नहीं होता
बागपत के बड़ागांव में हैरान करने वाली बात यह है कि यहां के राजस्व रिकॉर्ड में 'रावण' का नाम दर्ज है.
बड़ागांव में मान्यता है कि रावण ने अपनी शक्तियां यहां एक किसान को सौंपी थीं.
किसान से शक्तियों का भार नहीं सहन हुआ और उसने शक्तियां जमीन पर रख दीं.
जिस स्थान पर किसान ने रावण की शक्तियां रखीं उसी स्थान पर रावण ने मनसा देवी का मंदिर बनवाया.
बागपत के बड़ागांव में आज भी रावण की पूजा होती है और दशहरा नहीं मनाया जाता.
बागपत के बड़ागांव में 1500 ई.पू. के बर्तन मिले हैं जो इसके पौराणिक होने के सबूत हैं
पश्चिमी यूपी का महाभारत और रामायण में भी ऐतिहासिक महत्व है. यहां कई क्षेत्रों का जिक्र रामायण और महाभारत में मिलता है.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता