पश्चिमी यूपी का एक गांव जहां रावण को जलाते नहीं पूजते हैं, वैदिक काल से जुड़ा है इतिहास

Pradeep Kumar Raghav
Oct 08, 2024

यहां नहीं होता रावण दहन

12 अक्टूबर को देशभर में दशहरा पर रावण दहन किया जाएगा, लेकिन बागपत के बड़ागांव में रावण का दहन नहीं होता

राजस्व रिकॉर्ड में 'रावण'

बागपत के बड़ागांव में हैरान करने वाली बात यह है कि यहां के राजस्व रिकॉर्ड में 'रावण' का नाम दर्ज है.

रावण की अनोखी मान्यता

बड़ागांव में मान्यता है कि रावण ने अपनी शक्तियां यहां एक किसान को सौंपी थीं.

किसान नहीं संभाल सका रावण की शक्ति

किसान से शक्तियों का भार नहीं सहन हुआ और उसने शक्तियां जमीन पर रख दीं.

रावण ने बनवाया मंदिर

जिस स्थान पर किसान ने रावण की शक्तियां रखीं उसी स्थान पर रावण ने मनसा देवी का मंदिर बनवाया.

बड़ागांव में रावण की पूजा

बागपत के बड़ागांव में आज भी रावण की पूजा होती है और दशहरा नहीं मनाया जाता.

गांव में मिले 1500 ई.पू. के बर्तन

बागपत के बड़ागांव में 1500 ई.पू. के बर्तन मिले हैं जो इसके पौराणिक होने के सबूत हैं

बड़ागांव का ऐतिहासिस महत्व

पश्चिमी यूपी का महाभारत और रामायण में भी ऐतिहासिक महत्व है. यहां कई क्षेत्रों का जिक्र रामायण और महाभारत में मिलता है.

Disclaimer

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता

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