मुगलों का इतिहास काफी रोचक रहा है. मुगलों ने हमारे देश पर राज किया. ऐसी बहुत सी जगहें जो आज भी कई रहस्यों से भरी हुई हैं.
मुगलों का इतिहास यूपी से जुड़ा रहा है. ऐसा ही एक गांव हैं उत्तर प्रदेश के फतेहपुर का एकडला. फतेहपुर में विजयीपुर ब्लाक मुख्यालय से लगभग 8 किमी दूर किशनपुर में है. एक समय में यह कंचनपुर एकडला नाम से जाना जाता था.
गांव की ऐतिहासिक दीवारों में आज भी कई गहरे राज छिपे हुए हैं. ये गांव अकबर मुख्य सलाहकार बीरबल का ननिहाल था. यहां आज भी खोदाई में कई तरह के जेवरात निकलते हैं.
एक दौर में यहां मुगलों का प्राचीन बाजार लगता था. इनके अवशेष आज भी मौजूद हैं.
इस गांव में मजारों के साथ यहां ऐतिहासिक मंदिर भी है. यह गांव नदी के तट पर है. एक दौर में यह व्यापारिक केंद्र था. उस समय नदी पार करने के लिए बरगद की एक डाल का इस्तेमाल किया जाता था. लिहाजा गांव का नाम एकडला पड़ गया.
इतिहासकारों के मुताबिक वीरबल के अनुरोध करने पर बादशाह अकबर एकडला गांव आए थे.
लोगों ने अकबर के स्वागत में यमुना से गांव तक कालीन बिछा दी थी. इससे खुश होकर अकबर ने गांव के एक क्षत्रिय परिवार को रावत की उपाधि दी थी.
आज भी यहां दीवारों और खेतों की जुताई के दौरान सोने-चांदी के सिक्के समेत कई प्रकार की मुगलकालीन धातुएं मिलती हैं.
इस गांव में 16वीं शताब्दी में सात तरह का बाजार लगता था. यहां मेवा मिष्ठान, पशु आदि बिकते थे.
बताते हैं कि 17वीं शदी में एकडला गांव में रहने बंजारे परिवार सहित पलायन कर गए थे, जिससे यहां की बस्ती और बाजार खत्म हो गए थे.
यहां के पुराने मंदिर, कुएं, तालाब, मजार, दीवारें सभी मुगलकाल की याद दिलाते हैं. यमुना किनारे बसे इस गांव में खुदाई करने में आज भी यहां पुरानी दीवारों के अवशेष और बेशकीमती धातुएं मिलती हैं
स्पष्ट कर दें कि यह पर दी गई कुछ फोटो AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.