खजाने के ढेर पर बैठा यूपी का ये शहर, 300 सालों से बरस रहा सोना-चांदी

Preeti Chauhan
Sep 04, 2024

मुगलों का इतिहास

मुगलों का इतिहास काफी रोचक रहा है. मुगलों ने हमारे देश पर राज किया. ऐसी बहुत सी जगहें जो आज भी कई रहस्यों से भरी हुई हैं.

फतेहपुर का एकडला

मुगलों का इतिहास यूपी से जुड़ा रहा है. ऐसा ही एक गांव हैं उत्तर प्रदेश के फतेहपुर का एकडला. फतेहपुर में विजयीपुर ब्लाक मुख्यालय से लगभग 8 किमी दूर किशनपुर में है. एक समय में यह कंचनपुर एकडला नाम से जाना जाता था.

बीरबल का ननिहाल

गांव की ऐतिहासिक दीवारों में आज भी कई गहरे राज छिपे हुए हैं. ये गांव अकबर मुख्य सलाहकार बीरबल का ननिहाल था. यहां आज भी खोदाई में कई तरह के जेवरात निकलते हैं.

अवशेष आज भी मौजूद

एक दौर में यहां मुगलों का प्राचीन बाजार लगता था. इनके अवशेष आज भी मौजूद हैं.

ऐसे पड़ा एकडला नाम

इस गांव में मजारों के साथ यहां ऐतिहासिक मंदिर भी है. यह गांव नदी के तट पर है. एक दौर में यह व्यापारिक केंद्र था. उस समय नदी पार करने के लिए बरगद की एक डाल का इस्तेमाल किया जाता था. लिहाजा गांव का नाम एकडला पड़ गया.

अकबर आए थे एकडला गांव

इतिहासकारों के मुताबिक वीरबल के अनुरोध करने पर बादशाह अकबर एकडला गांव आए थे.

अकबर का स्वागत

लोगों ने अकबर के स्वागत में यमुना से गांव तक कालीन बिछा दी थी. इससे खुश होकर अकबर ने गांव के एक क्षत्रिय परिवार को रावत की उपाधि दी थी.

सोने-चांदी के सिक्के

आज भी यहां दीवारों और खेतों की जुताई के दौरान सोने-चांदी के सिक्के समेत कई प्रकार की मुगलकालीन धातुएं मिलती हैं.

गांव में लगता था बाजार

इस गांव में 16वीं शताब्दी में सात तरह का बाजार लगता था. यहां मेवा मिष्ठान, पशु आदि बिकते थे.

बस्ती और बाजार खत्म

बताते हैं कि 17वीं शदी में एकडला गांव में रहने बंजारे परिवार सहित पलायन कर गए थे, जिससे यहां की बस्ती और बाजार खत्म हो गए थे.

मुगलकाल की याद दिलाते हैं सबूत

यहां के पुराने मंदिर, कुएं, तालाब, मजार, दीवारें सभी मुगलकाल की याद दिलाते हैं. यमुना किनारे बसे इस गांव में खुदाई करने में आज भी यहां पुरानी दीवारों के अवशेष और बेशकीमती धातुएं मिलती हैं

डिस्क्लेमर

स्पष्ट कर दें कि यह पर दी गई कुछ फोटो AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.

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