यूपी का वो गांव, जहां 700 साल से किसी ने नहीं पी शराब, न नॉनवेज खाया

Pooja Singh
Sep 04, 2024

अनोखा गांव

सहारनपुर में एक ऐसा गांव स्थिति है, जहां 700 साल से यहां के निवासियों ने न शराब का सेवन किया है, और ना ही मांस-मछली का. इस गांव के लोग प्याज और लहसून भी नहीं खाते.

मिरगपुर गांव

ये गांव सहारनपुर का मिरगपुर है. इस गांव का नाम एशिया बुक ऑफ रिकार्डस में भी दर्ज है. यहां की आबादी लगभग 10 हजार है. इसके बावजूद भी लोग नियमों का पालन करते हैं.

'पवित्र गांव'

यहां न तो कोई शराब पीता है और न ही कोई नॉनवेज खाता है.सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि यहां के लोग न तो प्याज खाते हैं और ना ही लहसून. ना यहां बीड़ी पीते हैं और ना ही सिगरेट.

बना चुका है रिकॉर्ड

मिरगपुर गांव में लहसुन-प्याज, बीड़ी-सिगरेट, तंबाकू, शराब-नॉनवेज सहित 26 चीजों के खाने-पीने पर प्रतिबंध है. जिसकी वजह से इस गांव का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस में भी दर्ज है.

नशामुक्त गांव

जिला प्रशासन ने मिरगपुर का नाम नशामुक्त गांव के रूप में घोषित किया हुआ है. कहा जाता है कि 700 साल पहले यहां राजस्थान के पुष्कर से एक सिद्ध पुरुष बाबा फकीरदास आए थे.

ये है मान्यता

सिद्ध पुरुष बाबा फकीरदास ने यहां तपस्या की और लोगों से ये वचन लिया कि वे कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करेंगे. तभी ये परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है.

नियमों का पालन

कहा जाता है कि कुछ लोगों ने इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश भी की, लेकिन उन लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. जिसके बाद कोई इन नियमों को तोड़ने की कोशिश नहीं करता.

मिसाल बना गांव

आधुनिकता के इस दौर में जब युवा अपने जीवन को नशे की लत में डूबो रहे हैं तो ऐसे में यह गांव अपने आप में एक मिसाल बना हुआ है.

नशा मुक्ति का संदेश

नशा जागरूकता अभियान के तहत युवाओं को एक संदेश भी देती है. ये गांव आदर्श गांव माना जाता है और इस गांव को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के खिताब से 2022-23 में नवाजा जा चुका है.

Disclaimer

यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.

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