शादी में हो रही है देरी तो गंगा सप्तमी के दिन जरूर करें ये उपाय

May 11, 2024

गंगा सप्तमी की कथा

गंगा ने पृथ्वी पर आकर कुरुवंशोद्भव राजा सुहोत्रा के पुत्र राजर्षि जह्नु की यज्ञभूमि को अपने जल से डुबो दिया था

गंगा का पुनर्जन्म

जह्नु ने क्रुद्ध होकर गंगा के समस्त जल को पी लिया और वैशाख की शुक्ल सप्तमी को अपने दाहिने कान से फिर प्रकट कर दिया

ऋषि जाह्नु और गंगा

गंगा सप्तमी को जाह्नु सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि गंगा का पुनर्जन्म राजर्षि जह्नु के दाहिने कान से हुआ था

गंगा सप्तमी के उपाय

गंगा सप्तमी पर किए जाने वाले उपाय विभिन्न प्रकार के पाप और कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं

विवाह के लिए उपाय

गंगा सप्तमी के दिन गंगाजल में 5 बेलपत्र डालकर महादेव का विधिपूर्वक जलाभिषेक करना चाहिए

भोलेनाथ गंगा होते हैं प्रसन्न

जलाभिषेक से भोलेनाथ और मां गंगा दोनों प्रसन्न होते हैं और जातक के विवाह में आ रही दिक्कतें दूर जाती हैं

सफलता के लिए उपाय

गंगा सप्तमी के दिन गंगा में दूध अर्पित करें और मां गंगा के मंत्रों का जाप करें, साथ ही कपूर का दीपक जलाएं

गंगा सप्तमी स्नान

गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है, और संभव हो तो स्नान के बाद ध्यान या तप करें स्नान, तप और ध्यान करें

मोक्ष की प्राप्ति

मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन अपनी श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों को कपड़ों और भोजन का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है

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ये खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है, इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए ZEE UP/UK उत्तरदायी नहीं है

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