पितृ पक्ष के दौरान आप अपने पूर्वजों को जब श्रद्धांजलि दें , तो उस पानी में थोड़ा सा गंगाजल भी अवश्य मिला लें.
पितृ पक्ष के दौरान आप स्नान करने वाले पानी में भी थोड़ा सा गंगाजल मिला लें. इससे आपका शरीर शुद्ध होगा.
गंगाजल पितृदोष से मुक्ति दिलाता है. यह उसका प्रभाव कम करता है.
पितृपक्ष के दौरान आपको नियमित घर में रखे मंदिर में सभी भगवानों की प्रतिमा पर गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.
गंगाजल से ही सभी देवी-देवताओं को स्नान भी करना चाहिए. देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय है गंगाजल
पितृपक्ष के दौरान आपको गंगाजल को एक पात्र में भरकर रखना है. इस बोतल या पात्र कमरे में उत्तर-पूर्व कोण में रख दें.
पितृपक्ष में देवी-देवाओं को गंगाजल चढ़ाने से आपके ऊपर जो भी कर्ज चढ़ा हुआ है, वह धीरे से उतर जाता है.
पीपल के वृक्ष पर गंगाजल, पुष्प और अक्षत अर्पित करने चाहिए. पूर्वजों का अगला जन्म जिस भी योनी में होता है, उसमें वे प्रसन्न रहते हैं.
यदि गंगा स्नान का मौका मिले तो घर के मुखिया को गंगा में 3 बार डुबकी जरूर लगानी चाहिए.