आज गंगोत्री धाम के कपाट बंद किये और मां की डोली मायके मुखबा के लिए रवाना हुई.
मुखबा हरसिल में गंगोत्री मंदिर के पास एक छोटा सा गाँव है. जिसे गंगा मैया का मायका कहा जाता है.
मुखबा भागीरथी नदी के पास बसा है. यह गंगोत्री धाम से नौ मील दूर है
मुखबा को मुखीमठ, मुखवास या मुख्यमठ भी कहा जाता है.
मुखबा में सर्दियों के दौरान देवी गंगा की मूर्ति स्थापित की जाती है.
चूंकि गंगोत्री में अब बर्फ़बारी हो जाएगी इसलिए मां गंगा की पूजा मुखबा में होगी.
गंगोत्री मंदिर के पुजारी इसी गांव से आते हैं.
अगले साल वसंत ऋतु में मां गंगा फिर से गंगोत्री धाम में लौटेंगी.
इस बार गंगोत्री धाम में 8.11 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये हैं.