गिलोय को गुडूची, अमृता आदि के नामों से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि वह जिस पेड़ पर चढ़ती है, उसके गुणों को समाहित कर लेती है.
गिलोय की पत्तियां, जड़ें और तना तीनो ही भाग सेहत के लिए बहुत गुणकारी हैं. गिलोय में बड़ी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इन्हीं गुणों की वजह से यह बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज, एसिडिटी, अपच, मूत्र संबंधी रोगों आदि से निजात दिलाती है.
बारिश में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है. ऐसे में डेंगू से बचने के घरेलू उपाय के रूप में गिलोय का सेवन करना सबसे ज्यादा प्रचलित है. डेंगू के दौरान मरीज को तेज बुखार होने लगते हैं. गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक गुण बुखार को जल्दी ठीक करते हैं.
लंबे समय से आ रही खांसी के लिए गिलोय रामबाण है. गिलोय में एंटीएलर्जिक गुण होने के कारण यह खांसी से जल्दी आराम दिलाती है
गिलोय या गुडूची में ऐसे एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो पुराने से पुराने बुखार को भी ठीक कर देती है. इसी वजह से मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसे गंभीर रोगों में होने वाले बुखार से आराम दिलाने के लिए गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है.
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