उत्तर प्रदेश के मथुरा से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गोवर्धन पर्वत.
भारतीय पुराणों और शास्त्रों में इसे गिरिरीज महाराज के भी नाम से जाना जाता है.
कहा जाता है कि एक समय पर गोवर्धन पर्वत हिमालय से भी चार गुणा ऊंचा था.
एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपने हाथ की छोटी उंगली पर उठा लिया था.
कहा जाता है कि एक समय पर गोवर्धन पर्वत की ऊंचाई हिमालय से भी कई गुणा ऊंची थी. इसकी ऊंचाई लगभग 30,000 मीटर के आसपास थी.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक ऋषि के द्वारा गोवर्धन पर्वत को श्राप मिला था. जिसके कारण रोजाना इसकी एक मुट्ठी इसकी ऊंचाई कम हो रही है.
गोवर्धन पर्वत के आस-पास के इलाके को ही दुनिया में ब्रज भूमि के नाम से जाना जाता है.
परिक्रमा लगाने के लिए आने वाले लोगों के अनुसार गोवर्धन पर्वत के हर छोटे से लेकर बड़े पत्थर में श्री कृष्ण स्वयं वास करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि जो भी इंसान गोवर्धन पर्वत की यात्रा करता है. उसके जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.