प्रदूषण से हाल बेहाल? ये सात योगाभ्यास देंगे दिल और दिमाग को राहत

Pooja Singh
Nov 02, 2024

वायु प्रदूषण

दीपावली के बाद वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ने लगता है. इससे सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों में इन्फेक्शन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं.

सावधानी बरतें

वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, लेकिन हम कुछ सावधानियों को बरतकर खुद को और अपने परिवार को इससे बचा सकते हैं.

योगासन और प्राणायाम

वायु प्रदूषण से बचने के लिए अगर आप योग करते हैं तो इससे आप प्रदूषण के प्रभाव को कम कर सकते हैं. योगासन और प्राणायाम करने से फायदा मिलता है.

अनुलोम-विलोम

ये प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत बनाता है और सांस की समस्याओं को कम करता है. इसे करने के लिए, जमीन पर बैठकर नाक के दाएं छिद्र से सांस लें और कुछ सेकंड बाद बाएं छिद्र से बाहर निकालें.

कपालभाति

ये प्राणायाम ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है और पेट को कम करता है. इसे करने के लिए आप पालथी मारकर बैठ जाएं और पेट को अंदर खींचते हुए सांस बाहर छोड़ें.

भस्त्रिका

ये प्राणायाम फेफड़ों में खून का संचार बढ़ाता है और सांस की गति और गहराई को बढ़ाता है. इसे करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठकर शरीर को स्थिर रखते हुए, दोनों नासिका छिद्र से आवाज करते हुए श्वास लें.

भुजंगासन

ये आसन फेफड़ों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. इसे करने से फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इसे सर्पासन और कोबरा आसन भी कहा जाता है.

उष्ट्रासन

ये आसन करने से फेफड़े मजबूत रहते हैं और किडनी और लिवर भी स्वस्थ रहते हैं. इसे ऊंट मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है. ये घुटनों के बल बैठकर पीठ को झुकाने वाला आसन है.

अर्ध उष्ट्रासन

ये आसन फेफड़ों को मज़बूत करने के साथ-साथ पूरे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा है. इसे करने के लिए दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं. धीरे-धीरे दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर वज्रासन की स्थिति में आ जाएं. सांस भरते हुए दोनों बाजुओं को कंधे की सीध में 180 डिग्री पर लाएं.

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