गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक। विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
''श्री कृष्णाय वयं नुम: सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे। तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:।।
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”
जो भक्त हर दिन भगवान कृष्ण के मंत्र और स्तुति का पाठ करे वो मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है.
श्री कृष्ण की पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है. जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है.
मन, शरीर और आत्मा में संतुलन बना रहता है.
पुरानी बीमारियों से भी छुटकारा मिलती है.
तनाव और चिंता को दूर होती है.
डिस्क्लेमर- यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.