दूध-दही और डेयरी प्रोड्क्टस को प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्वों को नॉन वेज का विकल्प माना जाता है.
बचपन से कहा जाता रहा है कि शरीर को तंदरुस्त और दिमाग को तेज रखना है तो दूध, दही यानी डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करना चाहिये.
कुछ लोग डेयरी प्रोडक्ट्स से बेहतर वीगन डाइट को बताते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर डेयरी प्रोड्क्टस बंद कर दिये तो शरीर पर क्या प्रभाव होगा.
डेयरी प्रोडक्ट्स अत्यधिक खाने से शरीर का वजन बढ़ता है. क्योंकि इसमें फैट की मात्रा काफी होती है.
जिन लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की दिक्कत रहती है. उन्हें डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिये. ऐसे लोगों को गाय-भैंस के दूध की जगह सोया मिल्क लेना चाहिये.
डेयरी प्रोडक्ट्स में प्रोटीन, फैट, कार्ब्स, कैल्शियम और विटामिन-डी जैसे पोषक तत्व होते हैं इसलिए इन्हें बंद करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.
डेयरी प्रोडक्टस नहीं लेने पर शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है जबकि मसल्स, हड्डियों और बॉडी पार्ट्स को रिपेयर करने के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी होता है.
शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियों और जोड़ों के दर्द की शिकायत हो सकती है क्योंकि डेयरी प्रोडक्ट में कैल्शियम और विटामिन डी पाया जाता है.
वैसे तो दूध कैल्शियम का बहुत बड़ा सोर्स है लेकिन वीगन डाइट में इसकी जगह केले, व्हाइट बीन्स और पालक लेकर इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं.
लेख में उल्लिखित सलाह व सुझाव केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है. इन्हें पेशेवर चिकित्सा की सलाह के तौर पर न लें. कोई भी सवाल या परेशानी होने पर हमेशा अपने डॉक्टर और एक्सपर्ट से सलाह लें.