अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है, इसलिए मनुष्य को अहंकार किए बिना विनम्रता से जीवन गुजारना चाहिए.
मनुष्य को सबसे पहले खुद की बुराइयों और गलत आदतों पर विजय पाने की कोशिश करनी चाहिए.
गुरु नानक देव स्त्री और पुरुष में कोई फर्क नहीं समझते थे, वे कहते थे कभी भी महिलाओं का अनादर नहीं करना चाहिए.
हमेशा तनाव मुक्त रहकर हमें अपने कर्म को निरंतर करते रहना चाहिए और हमेशा खुश रहना चाहिए.
गुरु नानक देव जी कहते थे कि हमें हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत से अपना धन कमाकर जीवन जीना चाहिए.
हमें जरूरतमंदों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.
सभी मनुष्यों को एक-दूसरे को प्रेम, एकता, समानता और भाईचारे का संदेश देना चाहिए.
जब मन में पाप से अपवित्र हो जाए तब ईश्वर का नाम लेने रहने से वह निर्मल हो जाता है.
गुरु नानक देव जी ने इक ओंकार का नारा दिया था। वे कहते थे कि सबका पिता एक है इसलिए सभी लोगों को एक-दूसरे से प्रेम करना चाहिए.
गुरु नानक देव जी के अनुसार भगवान एक है और वह हर जगह पर मौजूद है.
धन को कभी भी अपने ह्रदय से लगाकर नहीं रखना चाहिए, उसका स्थान हमेशा जेब में ही होना चाहिए। तभी आप लालच और अहंकार से दूर रह पाएंगे.