जब मन में पाप आ जाए तो क्या करें, गुरु नानक देवजी के ये अनमोल विचार कभी न भूलें

Shailjakant Mishra
Nov 06, 2024

अहंकार दुश्मन

अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है, इसलिए मनुष्य को अहंकार किए बिना विनम्रता से जीवन गुजारना चाहिए.

खुद की बुराइयों पर जीत

मनुष्य को सबसे पहले खुद की बुराइयों और गलत आदतों पर विजय पाने की कोशिश करनी चाहिए.

महिलाओं का सम्मान

गुरु नानक देव स्त्री और पुरुष में कोई फर्क नहीं समझते थे, वे कहते थे कभी भी महिलाओं का अनादर नहीं करना चाहिए.

खुश रहना

हमेशा तनाव मुक्त रहकर हमें अपने कर्म को निरंतर करते रहना चाहिए और हमेशा खुश रहना चाहिए.

लोभ का त्याग

गुरु नानक देव जी कहते थे कि हमें हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत से अपना धन कमाकर जीवन जीना चाहिए.

जरूरतमंद की मदद

हमें जरूरतमंदों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.

भाईचारे का संदेश

सभी मनुष्यों को एक-दूसरे को प्रेम, एकता, समानता और भाईचारे का संदेश देना चाहिए.

ईश्वर का नाम

जब मन में पाप से अपवित्र हो जाए तब ईश्वर का नाम लेने रहने से वह निर्मल हो जाता है.

इक ओंकार का नारा

गुरु नानक देव जी ने इक ओंकार का नारा दिया था। वे कहते थे कि सबका पिता एक है इसलिए सभी लोगों को एक-दूसरे से प्रेम करना चाहिए.

ईश्वर एक

गुरु नानक देव जी के अनुसार भगवान एक है और वह हर जगह पर मौजूद है.

धन की जगह

धन को कभी भी अपने ह्रदय से लगाकर नहीं रखना चाहिए, उसका स्थान हमेशा जेब में ही होना चाहिए। तभी आप लालच और अहंकार से दूर रह पाएंगे.

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