बागपत में यूं तो कई धार्मिक स्थल है लेकिन यहां के दिगंबर जैन बड़ा मंदिर का इतिहास 650 साल पुराना है
मान्यता है कि मंदिर में लगी अतिशयकारी मूर्तियां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
मंदिर की दीवारों पर मन मोह लेने वाली नक्काशी और सोने का बेजोड़ काम है, इसका आकर्षण देखते ही बनता है.
बड़ौत के दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में कुल 7 वेदिया हैं जिन पर जैन धर्म के अलग-अलग तीर्थंकरों की मूर्तियां हैं.
श्याम वर्ण की भगवान नेमिनाथ की प्रतिमा पूरे विश्व में सबसे दुर्लभ मानी जाती है. जो इस मंदिर में मौजूद है.
यहां भगवान पार्श्रवनाथ की प्रतिमा को सबसे चमत्कारी माना जाता है यह बड़ौत में ही खुदाई के दौरान मिली थी.
छठी वेदी पर चंद्रप्रभु भगवान की अतिशयकारी मूल प्रतिमा विराजमान है जिसके चारों ओर सोने की नक्काशी है.
मंदिर में चंद्रगुप्त के 16 स्वप्नों को भी चित्रों के माध्यम से बड़े सुंदर ढंग से दिखाया गया है.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.