आचार्य चाणक्य को भारत के सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक माना जाता है. उनके द्वारा लिखा गया नीति शास्त्र भी काफी लोकप्रिय है.
चाणक्य नीति में लिखी बातों का लोग आज भी पालन करते हैं. ये सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली नीतियों में से एक है. इसमें जीवन के कई पहलुओं का जिक्र है.
नीति शास्त्र की सहायता से आप जीवन को सरल और सफल बना सकते हैं. ऐसे में हम आपको चाणक्य नीति में लिखे एक श्लोक के बारे में बताने जा रहे हैं.
चाणक्य नीति के श्लोक में ये बताया गया है कि किस तरह आप घमंडी व्यक्ति से लेकर बुद्धिमान व्यक्ति तक को अपने वश में कर सकते हैं.
चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक का जिक्र किया है. ये श्लोक है लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् स्तब्धमंजलिकर्मणा। मूर्खं छन्दानुवृत्त्या च यथार्थत्वेन पण्डितम्।।
इस श्लोक का अर्थ है लोभी व्यक्ति को धन देकर, अभिमानी को हाथ जोड़कर, मूर्खों व्यक्ति को उसकी इच्छा के अनुसार कार्य देकर वश में कर सकते हैं.
आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में दिए गए इस श्लोक में इस बात का भी जिक्र है कि विद्वान को सच्ची बात बातकर अपने वश में किया जा सकता है.
आसान शब्दों में इसका अर्थ समझा जाए, तो चाणक्य कहना चाहते हैं कि आप एक लालची व्यक्ति से धन देकर अपना काम करवा सकते हैं.
चाणक्य कहना चाहते हैं कि अगर आपको किसी अहंकार से भरे व्यक्ति को अपने वश में करना है, तो इसके लिए आपको विनम्रता से काम लेना होगा.
यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ चाणक्य नीति पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.