वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के प्रवचन को लोग खूब सुनते हैं और जीवन में उतारते हैं.
कुछ दिन पहले प्रेमानंद जी से मिलने उनके आश्रम एक मुस्लिम फकीर पहुंचे जोकि दरबार हजरत मौला अली में अपनी सेवा करीब 18 साल से दे रहे हैं.
फकीर ने बाबा से कहा कि वे 'राधा-कृष्ण के प्रति आपका (प्रेमानंद जी ) जो प्रेम है इससे आपके मुरीद हो चुके हैं.
'अल्लाह से दुआ है प्रेमानंद जी को शिफा अता फरमाए. आप जैसा दिव्य संत हमारे जीवन में जरूर एक बार आए दुआ है.
इस पर प्रेमानंद जी कहा कि'यहां आने के लिए धन्यवाद. वास्तविक धर्म का स्वरूप इतना विस्तृत हो कि रागद्वेष मिट जाए.
रामायण, भगवत गीता, गुरुवाणी या आपके ग्रंथ का ईश्वर को आप साक्षी मानकर अध्ययन करें तो मन को सुख देने की वाणी बन जाएगी.
प्रेमानंद जी ने कहा, 'आप जैसे बड़े दिल वाले अगर सहयोग देंगे तो सामर्थ्य इस जीवन में बना रहेगा, जो ज्ञान गुरु से प्राप्त है अधिकांश लोगों तक पहुंच पाए.
प्रेमानंद जी ने कहा, मेरी किडनी खराब है. यह शरीर मृत समान है. आप जैसे संतों की दुआ से फिल भी मैं जीवित हूं. यहां पधारने से मेरा मन प्रसन्न है.
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