पितृपक्ष में पितरों को जल देने का क्या है महत्व ? जानें सही तरीका

Zee News Desk
Sep 28, 2023

हर साल पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन मास की अमावस्‍या तक चलते हैं

वहीं कैलेंडर के अनुसार इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर 2023 से 4 अक्टूबर 2023 तक रहेगा

पितृ पक्ष में पूर्वजों की तृप्ति के लिए तर्पण सही विधि से करना आवश्यक होता है

सही विधि

पर क्या आप जल देने की सही विधि के बारे में जानते है? या फिर आपने कभी सोचा है की पितरों को अंगूठे से ही जल क्यों दिया जाता है

अग्निपुराण और महाभारत

अग्निपुराण और महाभारत के अनुसार अंगूठे से पितरों को जल देने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है

अंगूठे से जल

ग्रंथों के अनुसार जब तर्पण के दौरान अंगूठे से जल चढ़ाया जाता है तो वो पितृ तीर्थ से होता हुआ पिंडों तक जाता है

कुशा

ऐसा माना जाता है कि कुशा के अग्रभाग में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और मूल भाग में भगवान शंकर निवास का निवास हैं, इसलिए कुशा को पवित्र माना गया है

अंजलि

हाथों में पुष्प, कुशा, अक्षत, जल और काले तिल लेकर दोनों हाथ जोड़कर पितरों का ध्यान करते हुए जल को ग्रहण करने की प्रार्थना करें. इसके पश्चात जल धरती पर 5-7 या 11 बार अंजलि से गिराएं.

पितृ

ऐसे करने से आपके पितृ आपसे प्रसन्न होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे

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